फिल्मों के विलेन जैसा मुख्तार की धमकियों का पैटर्न:लोगों की पत्नियों-बच्चों की जानकारी रखता

# ## Lucknow

(www.arya-tv.com) अतीक-अशरफ का चैप्टर बंद होने के बाद अब मुख्तार अंसारी पर फोकस है। 22 सितंबर 2022 को मुख्तार को 7 साल की सजा मिली। अगले ही दिन दूसरे मामले में 5 साल की सजा मिली। ठीक 84 दिन बाद MP/MLA कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई। 3 मामलों में सजा होने के बाद आज एक और मामले में पेशी होनी है।

आज हालत यह है कि मुख्तार के ही बड़े भाई सांसद अफजाल अंसारी कहते हैं, “अतीक के बाद अब मुख्तार का नंबर है, लेकिन मारने वाले से बचाने वाला बड़ा है।” मुख्तार की क्राइम कहानियां तो आप जानते ही हैं। इसलिए आज हम उसकी धमकी देने के पैटर्न को जानेंगे। ट्रायल नहीं पूरा होने देने की कोशिशों को जानेंगे। सबसे पहले व्हील चेयर वाला नाटक जानते हैं।..

10 करोड़ की रंगदारी नहीं मिली तो जान से मारने की धमकी दी

2017 में प्रदेश के अंदर बीजेपी की सरकार बनने के बाद मुख्तार की मुसीबतें बढ़ गई। वह किसी भी कीमत पर यहां की जेल से बाहर जाना चाहता था। जनवरी 2019 में कामयाब हो गया। मुख्तार ने पंजाब के नंबर से पंजाब के ही बिल्डर उमंग को फोन कर 10 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी। रंगदारी नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी। उमंग ने शिकायत दर्ज करवाई तो पंजाब पुलिस ने मोहाली में मामला दर्ज कर लिया।

केस दर्ज हुआ तो पुलिस प्रोडक्शन वारंट लेकर यूपी आ गई। यहां आने से पहले न तो ये जांचा गया था कि वो फोन मुख्तार ने किया या फिर किसी और ने। न ही उस ऑडियो से मुख्तार की आवाज मैच करवाई गई। बांदा कोर्ट से पंजाब पुलिस ने परमिशन ली और 21 जनवरी 2019 को उसे लेकर पंजाब पहुंच गई। कोर्ट में पेश किया फिर वहीं रोपड़ जेल मुख्तार का नया ठिकाना बन गया।

मुख्तार को यूपी भेजने के लिए 40 बार मना कर दिया गया
मुख्तार यहां से तो आसानी से चला गया लेकिन उसे दोबारा यूपी लाने के लिए यूपी पुलिस को जमकर मेहनत करनी पड़ी। कुल मिलाकर 40 बार किसी न किसी बहाने से पंजाब सरकार ने मना कर दिया। इसमें दर्जनों बार तो पंजाब पुलिस ने मुख्तार को मेडिकल अनफिट बताकर यूपी नहीं भेजा। मेडिकल में दिखाया जाता कि वह डायबिटीज और बीपी का मरीज है। एक बार तो डिप्रेशन को भी वजह बताई गई।

2 साल तक व्हील चेयर पर चलने का नाटक किया
मुख्तार के ज्यादातर अपराध यूपी में थे इसलिए उसकी यहां पेशी होनी थी। लेकिन पुलिस मुख्तार को लाने में सफल नहीं हो पा रही थी। दो साल बाद फाइनली सफलता मिली और 7 अप्रैल 2021 को मुख्तार को यूपी लाने की डेट फाइनल हुई। यूपी पुलिस की एनकाउंटर छवि को देखते हुए मुख्तार ने नाटक किया। व्हील चेयर के जरिए एंबुलेंस पर सवार हुआ। अधिकारियों को लगा कि बीमार है लेकिन जैसे ही वह बांदा जेल पहुंचा वहां वह व्हील चेयर से उठा और अपने कदमों से चलते हुए बैरक नंबर 16 में चला गया।

इस बात की चर्चा करते हुए STF प्रमुख अमिताभ यश एक इंटरव्यू में कहते हैं, मुख्तार ने व्हील चेयर के नाम पर नाटक किया था। यह नाटक उसका दो साल से चल रहा था। अब ऐसा तो था नहीं कि बांदा के पानी में कुछ ऐसा हो जिससे वह यहां पहुंचते ही उठकर चलने लगा हो।

यूपी पुलिस नहीं लाती तो सजा भी नहीं होती
अमिताभ यश कहते हैं, अवधेश राय मर्डर को 32 साल हो गए थे। लेकिन ट्रायल नहीं पूरा हुआ। ऐसे अपराधों में ट्रायल न पूरा हो इसलिए ये (मुख्तार) पंजाब शिफ्ट हो गए थे। यूपी पुलिस जब इसे यहां लेकर आई तो ट्रायल पूरा हुआ और उसी का नतीजा रहा कि इसे अलग-अलग मामलों में तीन बार सजा हुई। अगर नहीं लाया जाता तो यह भी तय था कि किसी भी मामले में मुख्तार को सजा नहीं होती।