कन्नौज में दिव्यांग बच्चों को स्पेशल एजुकेटर घर-घर जाकर देंगे शिक्षा, इन छात्रों को घर पर ही मिलेगी पाठशाला

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(www.arya-tv.com) कन्नौजः कन्नौज मेंदिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षा विभाग की तरफ से एक सराहनी कदम उठाया गया है.ऐसे में दिव्यांग बच्चे जो विद्यालय आने में असमर्थ है अब उनको विद्यालय आने की जरूरत नहीं पड़ेगी.शिक्षा विभाग की तरफ से बेस्ट एजुकेटर उन बच्चों को घर पर ही जाकर नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करेंगे.ऐसे में यह बच्चे अब अच्छे से शिक्षित हो सकेंगे और अपना भविष्य संवार सकेंगे.

 विभाग की ओर से दिव्यांग बच्चों को शिक्षित करने का पूरा जोर दिया जा रहा है. ऐसे बच्चों को शिक्षित करने के लिए समेकित शिक्षा अभियान चलाया जा रहा है.इस अभियान में ऐसे बच्चे ज्यादा चिन्हित किये जा रहे हैं जो की पूरी तरह से विद्यालय आने में असमर्थ है जैसे कि जिनको आंखों से बिल्कुल ना दिखता हो, सुनाई न देता हो, पैरों से चल ना पाते हो या ऐसी ही कोई बड़ी समस्या हो.ऐसे में अब शिक्षा विभाग की तरफ से उन बच्चों को स्कूल आने की समस्या के समाधान के लिए यह स्पेशल एजुकेटर लगाए गए हैं.अब बच्चों के घर पर ही उनको विद्यालय मिल जाएगा.

जिले में कितने दिव्यांग है बच्चे?
पुरे कन्नौज जिले में शिक्षा विभाग की तरफ से करीब 3200 दिव्यांग बच्चों को चयनित किया गया है. इन दिव्यांग बच्चों को स्पेशल एजुकेटर और एक फिजियोथेरेपिस्ट की सुविधा घर पर ही उपलब्ध कराई जा रही है.

कैसे करते हैं काम स्पेशल एजुकेटर ?
शिक्षा विभाग की तरफ से पूरे जिले में 26 स्पेशल एजुकेटर और एक फिजियोथेरेपिस्ट तैनात किये गए है.फिजियोथेरेपिस्ट की तैनाती इसलिए की गई है. जहां पर कुछ ऐसे क्रिटिकल दिव्यांग बच्चे हैं. जिनको फिजियोथैरेपी की जरूरत पड़ती है. यह फिजियोथैरेपिस्ट उनके घर जाकर उनको नि:शुल्क फिजियोथैरेपी देते हैं. वहीं बाकी सभी स्पेशल एजुकेटर घर-घर जाकर इन दिव्यांग बच्चों का मनोबल बढ़ाते हैं और इनको विद्यालय की तरफ आने के लिए आकर्षित करते हैं. वही जो बच्चे बिल्कुल आने में असमर्थ रहते हैं. यह स्पेशल एजुकेटर उनकेघर-घर जाकर शिक्षा देते हैं.

क्या बोले एजुकेटर
स्पेशल एजुकेटर संजीव कुमार बताते हैं कि हम लोग सबसे पहले उन बच्चों को उनके अंदर का आत्मविश्वास जगाने की कोशिश करते हैं जो की दिव्यांगता की वजह से हताश और निराश हो जाते हैं. इसके बाद जो बिल्कुल ही असमर्थ बच्चे रहते हैं हम लोगों को घर पर जाकर शिक्षा देते हैं.विद्यालय में दिव्यांग बच्चों को पढ़ने के बाद उन असमर्थ दिव्यांग बच्चों के लिए भी समय निकालकर उनको घर पर पढ़ने जाते हैं.

क्या बोले समेकित शिक्षा प्रभारी
समेकित शिक्षा प्रभारी विश्वनाथ ने बताया कि हमारे जिले में 3200 दिव्यांग बच्चों चयनित है. जिनके लिए जिले भर में 26 स्पेशल एजुकेटर और एक फिजियोथेरेपिस्ट की तैनाती की गई है. यह सभी स्पेशल एजुकेटर जो बच्चे दिव्यांग और वैसे जो बच्चे जो बिल्कुल विद्यालय आने में असमर्थ है. उनकोघर-घर जाकर अलग से स्पेशल शिक्षा देते हैं. वहीं एक फिजियोथेरेपिस्ट इसलिए है क्योंकि कुछ दिव्यांग बच्चों को फिजियोथैरेपी की जरूरत पड़ती है. जिसको यह फिजियोथैरेपी देने के लिए उनके घर जाते हैं. यह सभी सुविधा पूरी तरह से नि:शुल्क होती है. वही हम लोग की तरफ से बच्चों को कुछ उपकरण भी प्रोवाइड कराए जाते हैं.जोकि उनकी शिक्षा और उनके अन्य कई काम आते हैं.