जस्टिस राजेश बिंदल होंगे सुप्रीम कोर्ट के जज:इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में कर रहे काम

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(www.arya-tv.com) इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेश बिंदल अब सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया में जज होंगे। गुजरात हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अरविंद कुमार को भी सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में नियुक्ति के लिए सरकार को सिफारिश भेजी है। वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में 34 जजों के पद हैं। जिसमें 27 जज कार्यरत हैं।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम की संस्तुति पर जस्टिस राजेश बिंदल को इलाहाबाद हाईकोर्ट का नया मुख्य न्यायाधीश बनाया था। जस्टिस राजेश बिंदल का कार्यकाल लगभग 2 वर्ष का है। इससे पहले वह कलकत्ता हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस के रूप में कार्यरत थे। 26 जून 2021 से जस्टिस एमएन भंडारी इलाहाबाद हाईकोर्ट में कार्यवाहक चीफ जस्टिस के रूप में काम कर रहे थे। कलकत्ता हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस के रूप में कार्यरत जस्टिस राजेश बिंदल इससे पहले जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस के रूप में कार्यरत थे।

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से की थी कानून की पढ़ाई

जस्टिस राजेश बिंदल का जन्म 16 अप्रैल 1960 को हरियाणा के अंबाला शहर में एक सामान्य परिवार में हुआ था। जस्टिस राजेश बिंदल ने 1985 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की थी। उन्होंने एक अधिवक्ता के रूप में करियर की शुरुआत सितंबर 1985 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से की।

2004 से करीब एक दशक तक केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण में चंडीगढ़ प्रशासन का कामकाज देखते रहे। पंजाब और हरियाणा में लगभग 80 हजार मामलों के निस्तारण का अनुभव रखने वाले जस्टिस राजेश बिंदल 1992 में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण में शामिल हुए। उन्हें कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के मामले भी पंजाब और हरियाणा क्षेत्रों का देखने का अनुभव है।

उन्होंने सतलुज यमुना जल से संबंधित विवाद के निपटारे में पंजाब राज्य के साथ एराडी ट्रिब्यूनल के समक्ष और सर्वोच्च न्यायालय में हरियाणा का पक्ष भी रखा। इसके अलावा हरियाणा उच्च न्यायालय में आयकर विभाग हरियाणा का भी मुकदमा देखते रहे।

2006 में बने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जस्टिस

जस्टिस राजेश बिंदल 22 मार्च 2006 को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में बतौर जस्टिस कार्यभार ग्रहण किया। 2016 में हुए मुख्य न्यायाधीशों के सम्मेलन में इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए मसौदा नियम तैयार करने के लिए भी जो समिति गठित की गई थी उसके अध्यक्ष रहे।

इसके साथ ही साथ अंतर्राष्ट्रीय बाल अपहरण विधेयक 2016 के नागरिक पहलुओं का अध्ययन करने के लिए उन्होंने सिफारिशों और मसौदे के साथ रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। वर्तमान में वह जम्मू और कश्मीर हाईकोर्ट में वित्त समिति, भवन और अवसंरचना समिति, सूचना प्रौद्योगिकी समिति, राज्य न्यायालय प्रबंधन प्रणाली समिति के अध्यक्ष और जम्मू और कश्मीर राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष भी हैं।