15 दिन में 3 बार बेची गई थी जेपी नड्डा की पत्नी की कार, ऐसे चोरों तक पहुंची पुलिस

# ## National

(www.arya-tv.com) बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की पत्नी मल्लिका नड्डा की एसयूवी कार चोरी करने के मामले में पुलिस ने खुलासा किया कि इसमें तीन लोग शामिल रहे. पुलिस ने गाड़ी को दिल्ली के गोविंदपुरी में एक सर्विस सेंटर से चोरी होने के लगभग दो सप्ताह बाद उत्तर प्रदेश के वाराणसी से बरामद कर लिया है.

अधिकारियों ने बताया कि मामले में तीन वाहन चोरों को गिरफ्तार किया गया है जिनकी पहचान उत्तर प्रदेश निवासी शिवांश त्रिपाठी (23), सलीम (34) और मोहम्मद रईस (33) के रूप में की गई है.  पुलिस ने बताया कि सफेद रंग की टोयोटा फॉर्च्यूनर 19 मार्च को दक्षिण-पूर्व दिल्ली के गोविंदपुरी से तब चोरी हो गई थी, जब इसका ड्राइवर जोगिंदर इसे सर्विस सेंटर पर छोड़कर कुछ देर के लिए घर लौटा था.

पुलिस ने क्या कहा? 
पुलिस ने कहा कि एसयूवी नड्डा के गृह राज्य हिमाचल प्रदेश में उनकी पत्नी के नाम पर रजिस्टर्ड है.  पुलिस उपायुक्त (दक्षिणपूर्व) राजेश देव ने बताया, ‘‘आरोपियों में से एक कार चोर है जबकि दो अन्य चोरी की कारों को एक राज्य से दूसरे राज्य पहुंचाते थे. उनकी गिरफ्तारी के साथ, चोरी में इस्तेमाल की गई एक और चोरी की कार उनके कब्जे से बरामद की गई.’’

डीसीपी ने बताया, ‘‘मामला दक्षिणपूर्व दिल्ली के वाहन चोर रोधी दस्ते को स्थानांतरित कर दिया गया था और एक टीम का गठन किया गया. जांच के दौरान, टीम ने कई सीसीटीवी कैमरों की फुटेज का विश्लेषण किया और हरियाणा के फरीदाबाद के बड़खल तक पहुंची.’’

उन्होंने बताया कि उन्हें सूचना मिली कि शिवांश त्रिपाठी और उसका गिरोह कथित तौर पर इस मामले में शामिल है और पहली सफलता 22 मार्च को तब मिली जब टीम ने उसे पटियाला हाउस अदालत के पास पकड़ा.

पुलिस ने बताया कि उत्तर प्रदेश के हरदोई निवासी त्रिपाठी ने अपने परिवार की खराब वित्तीय स्थिति के कारण दसवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। पुलिस ने बताया कि वह अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक गिरोह की मदद से दिल्ली-एनसीआर से लग्जरी कार चुराने लगा. वह पहले भी वाहन चोरी के कई मामलों में संलिप्त था.

चोरी में कौन शामिल था?
अधिकारी ने बताया कि पूछताछ में त्रिपाठी ने पुलिस को बताया कि उसने यह चोरी गोविंदपुरी के गिरि नगर में अपने सहयोगी एवं फरीदाबाद के बड़खल निवासी शाहिद, दिल्ली के चंदन होला में रहने वाले उसके दामाद फारूक और एक अन्य व्यक्ति शाहकुल के साथ मिलकर की थी.

डीसीपी ने बताया कि एसयूवी चोरी करने के बाद वे कथित तौर पर इसे फरीदाबाद में फारूक के फार्महाउस में ले गए, जहां से इसे लखीमपुर खीरी निवासी सलीम को बेच दिया गया. उन्होंने बताया कि सलीम चोरी की लक्जरी कारें खरीदता था.

किसे गाड़ी बेची गई?
डीसीपी ने बताया कि सलीम को पकड़ लिया गया और पूछताछ के दौरान उसने बताया कि उसने वाहन को मोहम्मद रईस नाम के एक अन्य व्यक्ति को बेच दिया, जिसने बाद में इसे किसी अन्य व्यक्ति को बेच दिया.

डीसीपी ने बताया कि पुलिस ने जांच के बाद एसयूवी को वाराणसी से बरामद कर लिया। उन्होंने बताया कि ‘‘सभी आरोपियों की गिरफ्तारी से वाहन चोरी के दो मामले सुलझा लिये गये है.’’