31 जुलाई तक दाखिल करना है इनकम टैक्स रिटर्न:तभी बचेगा जुर्माना और नुकसान

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(www.arya-tv.com) वित्त वर्ष 2022-23 (असेसमेंट ईयर 2023-24) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई, 2023 है। अगर आपने अब तक ITR फाइल नहीं किया है तो जल्द कर दें। टैक्स एक्सपर्ट चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) आनंद जैन (इंदौर) के मुताबिक, समय रहते ITR फाइल करने से न केवल पेनल्टी से बचाव होता है, बल्कि इसके और भी कई फायदे हैं।

जुर्माना चुकाना पड़ सकता है
निर्धारित तारीख के भीतर ITR दाखिल नहीं करने पर आपको जुर्माना चुकाना पड़ सकता है। अगर किसी इंडिविजुअल टैक्सपेयर की सालाना आय 5 लाख रुपए से ज्यादा है, तब उसे 5000 रुपए की लेट फीस देनी होगी। अगर टैक्सपेयर की एनुअल इनकम 5 लाख रुपए से कम है, तब उसे लेट फीस के रूप में 1,000 रुपए भरने होंगे। समय पर ITR दाखिल करके इस जुर्माने से बचा जा सकता है।

आय की जानकारी पहुंच जाती है
वर्तमान समय में आयकर विभाग के पास विभिन्न स्त्रोतों से आपकी आय की जानकारी पहुंच जाती है, समय पर ITR दाखिल नहीं करने पर आयकर विभाग उन जानकारियों के आधार पर आपको नोटिस दे सकता है। नोटिस की परेशानियों से बचने के लिए समय पर ITR जमा करना फायदेमंद है।

 ब्याज की बचत
आयकर के नियमों के मुताबिक यदि किसी करदाता ने टैक्स नहीं चुकाया है या अपनी टैक्स की देयता (देनदारी) से 90% से कम चुकाया है तो उसे सेक्शन 234बी के तहत 1% प्रति माह का ब्याज पेनल्टी के रूप में चुकाना होगा।

साथ ही अगर समय पर रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं तो धारा 234A के तहत 1% का ब्याज की देयता शुद्ध देय कर (जो टैक्स भरना) की राशि पर आएगी। इस तरह समय से रिटर्न दाखिल कर इनकम टैक्स पर लगने वाले ब्याज की बचत कर सकते हैं।

 नुकसान कर सकते हैं कैरी फॉरवर्ड
आयकर के नियमों के मुताबिक निर्धारित तारीख तक ITR दाखिल करने पर आप अपने नुकसान को आगे के वित्त वर्षों के लिए कैरी फारवर्ड कर सकते हैं। यानी अगले वित्त वर्षों में आप अपनी कमाई पर टैक्स देनदारी कम कर सकते हैं।

उदाहरण के लिए, अगर शेयरों की बिक्री पर लॉस हुआ है, तो फिर उसे 8 सालों के लिए कैरी फॉरवर्ड किया जा सकता है, हालांकि, अगर समय पर रिटर्न फाइल नहीं गया है तो लॉस को कैरी फॉरवर्ड नहीं किया जा सकता और ये फायदा नहीं मिलेगा।

 अपने लिए सही ऑप्शन चुनें
करदाताओं को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के दो ऑप्शन मिलते हैं। 1 अप्रैल, 2023 से नए स्लैब का ऑप्शन दिया गया था। नए टैक्स स्लैब में 5 लाख रुपए से ज्यादा आय पर टैक्स की दरें तो कम रखी गईं, लेकिन डिडक्शन छीन लिए गए। वहीं अगर आप पुराना टैक्स स्लैब चुनते हैं तो आप कई तरह के टैक्स डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं।