‘एनकाउंटर करोगे मेरा, जानवर हूं मैं’; कौन हैं Irfan Solanki और क्यों हैं जेल में बंद? अखिलेश यादव से खास कनेक्शन

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(www.arya-tv.com) लोकसभा चुनाव 2024 की सरगर्मियों के बीच उत्तर प्रदेश के एक विधायक काफी सुर्खियों में हैं। इनका नाम है इरफान सोलंकी, जो अखिलेश यावद की समाजवादी पार्टी के विधायक हैं। उन पर एक महिला ने प्लॉट जबरन कब्जाने की कोशिश करने और उसके घर में आग लगाने के आरोप हैं। इसी केस में गुरुवार को उन्हें कानपुर की MP-MLA कोर्ट में पेश करने के लाया गया था, लेकिन इस दौरान वे पुलिस वालों पर भड़क गए।

मीडिया ने उनसे बात करने को कोशिश की तो जवाब में उनक रवैया देखकर सभी चौंक गए। उन्होंने खुद को जानवर कहा और एनकाउंटर होने या दिल का दौरा पड़ने की आशंका जताते हुए अप्रत्यक्ष रूप से पुलिस पर वे आरोप लगाते दिखे। उनकी इस हरकत का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। आइए जानते हैं कि आखिर इरफान सोलंकी के खिलाफ चल रहा मामला क्या है?

क्यों भड़के इरफान सोलंकी और क्या कहा?

कोर्ट में पेशी के बाद वापस जाते समय जब मीडिया कर्मियों ने पूछा कि इरफान कुछ कहन चाहेंगे तो वे चिल्लाने लगे। उन्होंने खुद को जानवर बताया। मीडिया कर्मियों ने पूछा कि वे ऐसा क्यों कह रहे? तो उन्होंने चिल्लाकर अपने आपको कई बार जानवर कहा। वे काफी गुस्से में थे और पुलिस वालों पर भड़क रहे थे। उनकी हंसी भी अजीब-सी लग रही थी।

उन्होंने पुलिस वालों पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब मुझे जज के सामने पेश करना था तो पहले पुलिस लाइन क्यों ले गए? वहां 2 घंटे बिठाए रखा। क्या मेरा एनकाउंटर करना है? कहीं मुझे दिल का दौरा तो नहीं पड़ने वाला? आखिर क्यों मुझे वहां जे जाया गया? बता दें कि इरफान सोलंकी कानपुर से 400 किलोमीटर दूर स्थित महाराजगंज जेल में कैद हैं।

क्या है मामला, जिसमें कल आएगा अहम फैसला?

बता दें कि 8 नवंबर 2022 को इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी के खिलाफ FIR दर्ज हुई थी। उन पर नजीर फातिमा नामक महिला ने आरोप लगाए हैं। उन पर आरोप हैं कि दोनों ने अपने साथियों के साथ मिलकर फातिमा का घर जला दिया। वे उसका प्लॉट कब्जाना चाहते हैं।

इस केस की सुनवाई MP-MLA कोर्ट में चल रही है। ट्रायल पूरा हो गया है, चार्जशीट भी जमा हो चुकी है। अब केस में फैसला आना बाकी है, जो कल आ सकता है। वैसे केस में 5 बार फैसला टल चुका है। इससे पहले कोर्ट को 14, 19, 22, 28 मार्च और 4 अप्रैल को फैसला सुनाना था, लेकिन आखिरी पलों में फैसला टाल दिया गया था।