नहीं रहे महाभारत के भीम: ७४ वर्ष की उम्र में हुआ निधन

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(www.arya-tv.com) बीआर चोपड़ा की महाभारत के भीम यानी प्रवीण कुमार सोबती का 74 साल की उम्र में निधन हो गया है।अमृतसर के सरहली नामक गांव में रहने वाले प्रवीण का जन्म 6 सितंबर 1946 को हुआ था। एक इंटरव्यू में प्रवीण ने बताया था कि बचपन से ही मां के हाथ से दूध, दही और देसी घी खाने की वजह से उनका शरीर काफी भारी-भरकम हो गया था। उनकी बेहतरीन फिजिक को देख स्कूल में सबकी बोलती बंद हो जाती थी। इतनी अच्छी फिजिक देखते हुए ही उन्हें हेडमास्टर ने कई प्रकार के खेल खिलाने शुरू किए जिसके बाद 1966 में उन्हें कॉमनवेल्थ गेम्स खेलने का मौका मिला और इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

भारत का प्रतिनिधित्व किया

कुमार 1960 और 1970 में स्टार इंडियन एथलीट रहे हैं। अपनी लंबाई के कारण वे सालों तक हैमर थ्रो और डिस्कस थ्रो के खिलाड़ी रहे। 1966 और 1970 में बैंकॉक में हुए एशियन गेम्स में प्रवीण ने डिस्कस थ्रो में 2 गोल्ड मेडल जीते थे। 1966 में ही हैमर थ्रो में प्रवीण को ब्रॉन्ज मेडल मिला। 1974 में तेहरान में हुए एशियन गेम्स में भी प्रवीण ने डिस्कस थ्रो में सिल्वर मेडल जीता। 1968 और 1972 में हुए समर ओलंपिक्स में भी उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया था।

इस तरह हो गई प्रवीण की महाभारत में एंट्री 

प्रवीण कुमार ने अपना फिल्मी करियर 1981 में आई फिल्म रक्षा से किया था। इसी साल उनकी दूसरी फिल्म आई मेरी आवाज सुनो। दोनों ही फिल्मों में उनके साथ जितेंद्र थे। 1988 तक तकरीबन 30 फिल्मों में काम करने के बाद बीआर चोपड़ा ने उन्हें महाभारत में भीम का रोल ऑफर किया

दरअसल, किसी ने प्रवीण को खबर पहुंचाई कि बीआर चोपड़ा महाभारत बना रहे हैं और वो उनसे मिलना चाहते हैं। प्रवीण उनसे मिलने पहुंचे तो उन्हें देखते ही बीआर चोपड़ा बोले-मुझे भीम मिल गया और इस तरह प्रवीण की महाभारत में एंट्री हो गई।

प्रवीण कुमार सोबती अमिताभ बच्चन की सुपरहिट मूवी शहंशाह में भी नजर आए थे। फिल्म में वे मुख्तार सिंह के रोल में थे जिनसे अमिताभ कहते हैं- रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप होते हैं नाम है शहंशाह।

 2014 में प्रवीण ने बीजेपी का हाथ थाम लिया

1998 तक लगातार फिल्मों और टीवी में सक्रिय रहने के बाद प्रवीण कुमार ने एक्टिंग से दूरी बना ली। लगभग 14 साल बाद 2012 में वे धर्मेश तिवारी के डायरेक्शन में बनी एक फिल्म भीम में नजर आए थे। लेकिन फिर उन्होंने एक्टिंग को अलविदा कहकर राजनीति में कदम रखा। 2013 में आम आदमी पार्टी जॉइन की, वजीरपुर से दिल्ली असैंबली के लिए चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। 2014 में प्रवीण ने बीजेपी का हाथ थाम लिया।