पहले भी अनियंत्रित हो चुकी है इंस्पेक्टर अमरनाथ वर्मा की भाषा!

## Lucknow UP

लखनऊ। गृहनक्षत्रों का तालमेल अच्छा नहीं था इसलिए मैंने प्रिंसपल साहब से अभद्रता कर दी। ये कहना है राजधानी लखनऊ के बीकेटी थाने के प्रभारी अमरनाथ वर्मा का। मंगलवार को वर्मा जी ने बीकेटी इंटर कॉलेज के प्रिंसपल से अभ्रदता कर दी थी। बुधवार को वही थाना प्रभारी भरी सभा में प्रिंसिपल से माफी मांगने खुद स्कूल पहुंच गए । महज 12 घंटे में उनके अंदर आए इस आकस्मिक परिवर्तन से हर कोई हैरान है।

अहं ब्रह्मास्मि यानी मैं ही ब्रम्हा हूं। 12 घंटे पहले यही भ्रम था बीकेटी थाना प्रभारी अमरनाथ वर्मा को। मंगलवार 9 जुलाई को वह वर्दी की हनक दिखाने बीकेटी इंटर कॉलेज पहुंचे। वर्मा जी एक स्टूडेंट का एडमीशन कराने गए थे। प्रिंसपल साहेब ने कहा अब एडमीशन नहीं हो सकता सीटे फुल हो गई हैं। प्रिंसिपल साहेब की यह बात वर्मा जी को नगवार गुजरी और वह आपा खो गए। उन्होंने प्रिंसिपल से अभद्रता शुरू कर दी। बात निपटने निपटाने तक पहुंच गई। बहरहाल थाना प्रभारी अपना जलवा दिखाकर चले गए, लेकिन जब यह चर्चा आग की तरह फैल गई तो 12 घंटे बाद ही वह अगली सुबह प्रिंसिपल से मिलने पहुंच गए और कहा कि उनको अपने इस कृत्य पर बहुत आत्मग्लानि हुई है।

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अब इंस्पेक्टर साहेब को कौन बताए कि ऐसे कृत्य करने के बाद सिर्फ आत्मग्लानि ही नहीं होती बल्कि विभाग की बदनामी भी होती है। बहरहाल वर्मा जी ने पूरे मामले को मैनेज करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। पिंसिपल साहेब को पितातुल्य बता दिया। यहां तक की इस गुस्ताखी के लिए गृह नक्षत्रों को भी कोस दिया।

क्या कहा इंस्पेक्टर साहेब ने
बुधवार को बीकेटी इंटर कॉलेज में प्रार्थना के वक्त इंस्पेक्टर आए और बोले
‘कल जब मैं आया तो जो असहज स्थिति पैदा हुई वह क्यों पैदा हुई वह खुद मैं भी नहीं समझ पा रहा हूं। लेकिन इस स्थिति में मुझे आत्मग्लानि हुई मैं खुद अध्यापक पुत्र हूं। पत्नी भी टीचर हैं। इस नाते मुझे ग्लानि हुई कि मैंने पत्नी से ऐसा क्यों कह दिया। कल गृह नक्षत्र की बात रही होगी। कहते हैं जब गृह नक्षत्र जब अच्दे नहीं होत हैं तो अच्छे काम भी बुरे बन जाते हैं।हमने अहसास किया कि अपने पितातुल्य प्रिंसपल को ऐसा नहीं कहना चाहिए था। मेरे पिताजी ने पढ़ा तो यही कहा कि तुम्हें जाकर उनसे बात करनी चाहिए। ‘

भाषा पर नहीं है नियंत्रण
आपको बता दें बीकेटी इंटर कॉलेज के प्रिंसपल से अभद्रता करने वाले बीकेटी थाना प्रभारी अमरनाथ वर्मा का इतिहास कुछ खास अच्छा नहीं है। बात बात पर वह अभद्रता करने पर उतर आते हैं। इससे पहले श्री वर्मा लखनऊ के मडियांव कोतवाली के प्रभारी थे। इस दौरान साल 2017 में उन्हें एक जनसंवाद कार्यक्रम में अतिथि के रूप में बुलाया गया था।

यूनाइटेड फाउंडेशन और न्यूजटाइम्स द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में कई संगठन और विभागों से जिम्मेदार आए थे। इस दौरान एक महिला एंजियोकर्मी की पुलिस के रवैये पर उठाए गए सवाल पर भी श्री वर्मा भड़क उठे थे। इतना ही नहीं एक और संस्था के कार्यक्रम में इन्हीं थाना प्रभारी द्वारा कहा गया था कि मुझे तमाम लोग सलाह देते हैं लेकिन मैं थाने बुलाकर उनकी खबर लेता हूं।

अमरनाथ वर्मा की बातचीत और भाषा शुरुआत से ही अनियंत्रित रही है। वह अलग बात है कि बीकेटी कांड में खुलकर उनका चरित्र जग जाहिर हो गया।