बेगुनाह विष्णु को इतने साल बाद टूटे हुए कच्चे घर में इंतजार करते मिले पक्के रिश्ते

Agra Zone

आगरा (www.arya-tv.c0m) कैद से 19 साल बाद रिहा हुए विष्णु का मन अपनों के बीच घर पहुंचने के लिए बेताब हाे रहा था।रात में वह कैंट रेलवे स्टेशन से ललितपुर के लिए ट्रेन में सवार हुआ तो 19 साल पहले गांव में बचपन से जवानी तक बिताया एक-एक पल उसकी आंखों के सामने आ रहा था। बुधवार की रात साढ़े बारह बजे वह ललितपुर रेलवे स्टेशन पर उतरा तो भाई महादेव और भतीजा सतेंद्र उसे प्लेटफार्म पर पहले से खडे़ मिले। वह भाई और भतीजों से लिपट गया। रात पौने तीन बजे घर पहुंचा तो टूटे हुए कच्चे घर में पक्के रिश्ते इंतजार करते मिले। अपनों को यूं इंतजार करते देख विष्णु की आंखों में आंसू आ गए। उसकी रिहाई की खबर मिलने के बाद से परिवार के लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।

ललितपुर के थाना महरौनी के गांव सिलावन निवासी विष्णु तिवारी को दुष्कर्म के आजीवन कारावास की सजा हुई थी। विधिक सेवा समिति द्वारा उसके मामले में हाईकोर्ट मेें पैरवी की गई। हाईकोर्ट ने उसे दुष्कर्म व एससी/एसटी मामले में निर्दोष करार देते हुए रिहा करने के आदेश दिए थे। विष्णु 19 साल तीन महीने तीन दिन बाद रिहा होकर घर पहुंचा। अपने ध्वस्त हुये घर को देखकर उसके आंखों में आंसू छलक उठे। उसे एक बार भी पैरोल नही मिली।

वहीं, केस लड़ते लड़ते उसकी पांच एकड जमीन बिक गयी, और माता पिता व दो भाईयों की मौत तक हो गयी। जिनका उसने आखिरी समय पर मुंह तक नही देख पाया। इससे बड़ा दर्द और क्या होगा। लोगों के सवालों पर जबाब देते हुये उसकी आंखे भर आ जाती थीं। विष्णु बार बार कह रहा था, कि उसका तो पूरा संसार ही उजड़ गया।

विष्णु के जेल से रिहा होकर अपने गांव सिलावन पहुंचते ही उसके घर पर मीडिया व जनप्रतिनिधियों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया। उन्होंने विष्णु के बारे में जानकारी ली। साथ ही परिवार के बारे में पूछा तब उसने बताया कि जब उसकी खेलने कूदने की उम्र थी, तब उसे झूठे केस में विपक्षियों ने जेल भेज दिया था, परिवार में गरीबी थी, सम्पत्ति के नाम पर पांच एक एकड़ जमीन व कच्चा खपरैल मकान था।

विष्णु ने बताया कि गाय को रास्ते में बांधने के विवाद में गांव के ही कुछ लोगों से विवाद हुआ था। जिस मामले को घुमाकर उस पर दुष्कर्म का आरोप लगा दिया था। मेडिकल में कोई साक्ष्य नहीं थे। रिपोर्ट भी पति व ससुर ने घटना के तीन दिन बाद लिखायी थी। विष्णु और उसके परिवार की माली हालत काफी दयनीय थी। केस लड़ते लड़ते उसकी पांच एकड़ जमीन भी बिक गयी। सदमे में माता-पिता व दो भाईयों ने दम तोड़ दिया। परिवार में एक भाई है जो फल का ठेला लगाकर अपने परिवार का भरण पोषण जैसे तैसे करता है।

19 साल बाद दोस्तों के साथ चौपाल पर गुजारी शाम

विष्णु ने 19 साल बाद गांव की चौपाल में अपने दोस्तों आैर सगे संबंधियों के साथ शाम गुजारी। उसके साथ महेश तिवारी, राम स्वरूप चौबे, जितेद्र रिछारिया, बल्लू राजपूत आदि के साथ कई घंटे चौपाल पर बातचीत करता रहा। पुरानी यादों को ताजा करता रहा।