India-Russia Trade Deal: भारत के कार और खाने पर रूस की नजर, डॉलर की जगह रुपये में हो सकता है व्यापार

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(www.arya-tv.com) यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध के कारण सामानों की आपूर्ति में कमी आई है. ऐसे में रूस भारत से कुछ चीजों को लेकर आपूर्ति की मांग कर रहा है. रूस भारत से कार और अन्य ऑटोमोबाइल समानों और फूड के लिए एग्रीकल्चर प्रोडक्ट की मांग की है. वहीं निर्यातकों ने भारतीय मुद्रा में व्यापार करने और लागत में कम करने की मांग की है.

रूस भारत से कार और फूड जैसे प्रोडक्ट की सप्लाई की मांग कर रहा है, क्योंकि यूक्रेन पर हमले के बाद रूस पर चारों तरफ से बैन लगाया गया था, जिससे प्रोडक्ट की भारी कमी नजर आई है. वाहनों के पार्ट की भी कमी आने लगी है, जिस कारण कई कार कंपनियां अपना फर्म बंद करके जा रही हैं.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसी मांग है कि भारतीय ऑटो कंपोनेंट प्लेयर्स के साथ-साथ कार कंपनियां भी रूस में प्रवेश करें, जबकि ऑटो पार्ट का निर्यात संभव दिखता है. भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग के कई कंपनियों के वाहनों को सप्लाई करने के लिए सहमत हो सकती हैं. यहां तक ​​कि टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसे घरेलू भी इंटरनेशनल में शामिल हो सकती हैं, जिनमें पूर्व में मार्की जगुआर और लैंड रोवर ब्रांड शामिल हैं.

इन चीजों के एक्सपोर्ट की तैयारी 

रूस में मौजूद निर्यातकों की एक टीम ने सोया और कई अन्य एग्रीकल्चर प्रोडक्ट की आपूर्ति पर विचार-विमर्श किया है, क्योंकि मॉस्को आपूर्ति बढ़ाना चाहता है. एक निर्यातक ने कहा कि सुपरमार्केट में अलमारियां खाली हो रही हैं और ड्यूटी-फ्री दुकान (हवाई अड्डे पर) में भी रूसी वोदका से ज्यादा कुछ नहीं है और अभी तक आपूर्ति पूरा करने के लिए कोई डील भी नहीं हुई है.

रुपये-रूबल में व्यापार करने में जोर 

एक्सपोर्टस का कहना है कि एक रुपये रूबल के व्यापार से काफी मदद मिलेगी. वर्तमान में प्रत्येक लेनदेन में लगभग 4 फीसदी का नुकसान उठाते हैं. निर्यातकों ने वाणिज्य विभाग को सुझाव दिया है कि आरबीआई द्वारा हर पखवाड़े में दरों को अधिसूचित किया जा सकता है.