(www.arya-tv.com) देश में वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान घरेलू खपत में कमी आई है। घरेलू खपत का सकल घरेलू उत्पाद में 55 प्रतिशत हिस्सा होता है, जो वित्त वर्ष 2021 में 10.1 प्रतिशत तक सिकुड़ गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए एक रिपोर्ट में आगामी आम बजट में कुछ उपायों की जरूरत बताई गई है। रिपोर्ट में नरम राजकोषीय नीति अपनाने पर जोर देते हुए निकट अवधि में आय और नौकरी पैदा करने वाले उपायों पर ध्यान केंद्रित करके नुकसान को कम करने के लिए कुछ कड़े कदम उठाने का सुझाव दिया गया है।
CRISIL के मुख्य अर्थशास्त्री डी के जोशी ने सरकार से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि बजट में रोजगार सृजन और आय-सहायक उपायों के प्रावधान करके गिरावट को रोकने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपायों की घोषणा की जाए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार राजकोषीय घाटे को तीन प्रतिशत पर लाने के लक्ष्य को स्थगित करके वित्तीय वर्ष 2022-26 में अतिरिक्त 35 लाख करोड़ रुपये का वित्तीय स्थान बना सकती है।