पिछले 3 साल में परीक्षा देने वाले छात्र घटे, लड़कियों का सिलेक्शन परसेंटेज बढ़ा

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(www.arya-tv.com) स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (एसएससी) ने साल 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट जारी कर दी है। इसके मुताबिक एसएससी की ओर से आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं में शामिल होने वाले आवेदकों का प्रतिशत लगातार कम हो रहा है। यानी, जितने उम्मीदवार परीक्षाओं के लिए आवेदन करते हैं और उनमें से जो एग्जाम्स में शामिल होते हैं, उस अनुपात में वर्षवार कमी आ रही है।

वर्ष 2020-21 में एसएससी की ओर से आयोजित हुई कुल 15 परीक्षाओं में 1,08,66894 उम्मीदवारों ने आवेदन किया। इनमें से मात्र 42,41,728 कैंडिडेंट्स ही परीक्षा में शामिल हुए। यानी आवेदन करने वाले उम्मीदवारों में से मात्र 39.03 प्रतिशत छात्रों ने ही परीक्षाएं दी। जबकि वर्ष 2019-20 में कुल 18 परीक्षाओं के लिए 1,41,66957 उम्मीदवारों ने आवेदन किया। इनमें से केवल 6,15,4723 उम्मीदवार ही परीक्षा में शामिल हुए। यानी कि 43.4 प्रतिशत उम्मीदवारों ने परीक्षा दी।

आवेदकों की संख्या में लगभग 13 प्रतिशत की गिरावट

इसी तरह वर्ष 2018-19 के कुल 10 एग्जाम्स के लिए 7,08,7490 उम्मीदवारों ने आवेदन किया इनमें से 3,68,1155 कैंडिडेट्स ही विभिन्न परीक्षाओं में शामिल हुए। परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों की संख्या प्रतिशत में देखें तो लगभग 52 प्रतिशत है। इसी प्रकार वर्ष 2018-19 की तुलना वर्ष 2020-21 से करें तो परीक्षा में शामिल होने वाले आवेदकों की संख्या में लगभग 13 प्रतिशत की गिरावट आई है। अच्छी बात यह है कि महिला आवेदकों की संख्या व उनका चयन प्रतिशत हर साल बढ़ रहा है।

नेटवर्क की समस्या अधिक है

एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोविड के समय ऑनलाइन एजुकेशन कई उम्मीदवारों के लिए एक चुनौती बनी। खासकर ग्रामीण कैंडिडेट्स के लिए क्योंकि वहां नेटवर्क की समस्या अधिक है। इसके अलावा कोविड की वजह से भी छात्र परीक्षा केंद्रों पर जाने से बच रहे हैं। इन्हीं दो कारणों से पिछले कुछ सालों में परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों की संख्या में कमी आ रही है। कोविड से पहले ऐसा नहीं था।

फर्स्ट अपील करने वालों की संख्या भी बढ़ी

3 सालों में आरटीआई के तहत जानकारी लेने वालों की संख्या के साथ-साथ फर्स्ट अपील करने वालों की संख्या भी बढ़ी है। ये तब की जाती है जब कोई संस्था समय पर जानकारी नहीं देती। 2018-19 की तुलना में 2020-21 में इस संख्या में 161% की बढ़ोतरी हुई है।

आरटीआई की संख्या में बढ़ोतरी हुई

समय पर परीक्षा परिणाम व शेड्यूल न जारी होने के कारण छात्रों के साथ-साथ परीक्षा की तैयारी कराने वाले टीचर्स भी परेशान रहते हैं। यही वजह है कि शेड्यूल व रिजल्ट की तिथि जानने के लिए आरटीआई की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।