विकास दुुबे के इनकाउंटर में घायज दारोगा के परिजनों ने ​सुना सत्यनारायण की कथा, उसके मारे जाने की खुशी मना रहे

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गोरखपुर।(www.arya-tv.com) कानपुर मुठभेड़ में घायल हुए गोरखपुर के गोला क्षेत्र के बेलपार पाठक निवासी दारोगा सुधाकर पांडेय स्वस्थ होकर अपने गांव आ गए। शुक्रवार को सुबह कानपुर में हुई मुठभेड़ में विकास दुबे के मारे जाने के बाद वे और उनका परिवार काफी खुश है। सुधाकर पांडेय व उनके परिजनों ने सत्यनारायण की कथा सुनी। कहा कि पापी के अंत की खुशी मना रहा हूं।

सुधाकर पांडेय ने कहा कि उज्जैन में उसकी गिरफ्तारी यूपी पुलिस के दबाव का परिणाम है। वह अपने एनकाउंटर के डर से मारे-मारे फिर रहा था। उसने स्वयं सरेंडर नहीं किया। इसी कारण शुक्रवार को सुबह वाहन दुर्घटना होते ही वह अपने पुराने रूप में आ गया और हमारे जवानों पर फायरिंग कर दिया। जबाबी कार्यवाही में वह गोली लगने से घायल हो गया।

उसके अंत से दिल को सुकून पहुंचा है। उसने आठ पुलिस जवानों की नृशंस हत्या की थी। उनके बलिदान का बदला पूरा हुआ। अभी आधा दर्जन घायलों का इलाज चल रहा है। पुलिस के इतिहास में ऐसी घटना कभी नहीं हुई थी कि बिना संवाद या कार्यवाही के ही निर्दोष लोगों को गोलियों से भून दिया जाय। कई बच्चों के सिर से पिता का साया हट गया। बहनें विधवा हो गईं। माताओं से पुत्र छिन गया। उसकी कार्यवाही आतंकवादियों व दस्यु सरगनाओं जैसी थी। उसे गीदड़ के मौत मरना ही था। उसके मौत से पुलिस महकमा ही नहीं पूरा देश खुश है। उन्होंने कहा कि उसके मौत से दिल को सुकून पहुंचा है।

सुधाकर पांडेय के पिता रामनयन पांडेय ने कहा कि अपराधी किसी का भी नहीं हो सकता है। उसको हर हाल में सजा मिलनी चाहिए। उसकी मौत की सूचना मिलने से राहत मिली है। घायल दरोगा के भाई अमरनाथ पांडेय ने कहा कि उसके और उसके गुर्गो को कड़ी सजा मिलने से समाज में अच्छा संदेश गया है कि अपराध की अंतिम परिणति बुरी होती है। समाज में ऐसा कार्य करने वालों को ऐसी ही सजा मिलनी चाहिए।

उनके प्रवीण पांडेय ने कहा कि पिताजी के घायल होने की सूचना मिलते ही मेरी माताजी बेसुध हो गईं थीं। मैं खुद होशहवाश खो बैठा था। अगर उसे सजा नहीं मिलती तो आम आदमी का पुलिस से विश्वास उठ जाता। कानपुर के कुख्‍यात गैंगस्टर विकास दुबे की पुलिस मुठभेड़ में मौत की सूचना मिलते ही महराजगंज के पनियरा थानाक्षेत्र के अड़बड़हवा के टोला बरवास में खुशी का माहौल है। लोग इस कुख्यात अपराधी के मारे जाने पर जश्न मना रहे हैं।

बीते दो जुलाई की रात कानपुर नगर के चौबेपुर थाना के बिकरू गांव में पुलिस व विकास दुबे गैंग के बीच हुई मुठभेड़ में बरवास टोला निवासी व चौबेपुर थाने में तैनात सिपाही शिवमूरत निषाद भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उनका इलाज कानपुर में चल रहा है।

शुक्रवार की सुबह जैसे ही कुख्यात बदमाश विकास के मारे जाने की सूचना मिली लोगों ने घायल सिपाही शिवमूरत को फोन करके खुशी का इजहार किया। पिता भजुराम निषाद ने कहा कि विकास की मौत से कलेजे को ठंडक मिली है। इस कांड में शामिल अपराधियों को ऐसी सजा मिलनी चाहिए जो नजीर बने। किसी को भी कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।

अगर इस तरह का किसी ने दुस्साहस किया है, तो निश्चित रूप से वह दंड का भागी है। माता मेवाती देवी पल- पल अपने घायल सिपाही बेटे का हालचाल ले रहीं हैं। घायल सिपाही के साथ कानपुर में मौजूद भाई रामजतन ने कहा कि जैसे ही उन्होंने अपने भाई को विकास दुबे के मौत की सूचना दी, उनकी आंखों में खुशी के आंसू बहने लगे। कहा कि विकास दुबे की मौत से अब उनके आतंक का साम्राज्य भी समाप्त हो गया है।