भारी दिल और आखें नम: जहां से जुड़ी थी जिंदगी भर की यादें, उन्हीं घरों पर चला बुलडोजर

# ## Lucknow

(www.arya-tv.com) कुकरैल रिवरफ्रंट के दायरे में आ रही भीखमपुर की अवैध कॉलोनी के 12 घरों को बुधवार को बुलडोजर चलाकर ढहा दिया गया। कार्रवाई शुरू होते ही बाकी 46 घरों को लोगों ने खाली करना शुरू कर दिया। इनको भी ढहाया जाएगा। विस्थापित किए गए लोगों को देवपुर पारा की डूडा कॉलोनी और बसंतकुंज के प्रधानमंत्री आवास में इसके एवज में घर दिए गए हैं।

जिला प्रशासन, पुलिस, एलडीए व नगर निगम की टीम ने विस्थापित किए गए लोगों से घरों को खाली कराने एवं खाली घरों को तोड़ने का सिलसिला सुबह 7:30 बजे ही शुरू कर दिया। शाम 7:30 बजे तक नसीम, पप्पू खान, मुराद अली, मोहम्मद नईम, दौलतराम, जगमोहन, राम अजोर, उमेश चंद यादव के घरों समेत 12 घरों पर बुलडोजर चलाकर जमींदोज कर दिया गया।

प्रशासन ने विस्थापितों की गृहस्थी को नए मकानों तक पहुंचाने के लिए सरकारी वाहन की सुविधा मुहैया कराई थी। 46 घरों को खाली कराने का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। इनमें से आधे परिवारों का सामान आवंटित किए गए डूडा कॉलोनी देवपुर पारा एवं बसंतकुंज के प्रधानमंत्री आवास पहुंच चुका था, बाकी परिवार गृहस्थी को भेजने के लिए जूझते रहे। एलडीए के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि बाकी 46 घरों को बृहस्पतिवार सुबह से तोड़ा जाएगा।

जिस घर से जुड़ी थी जिंदगी भर की यादें, उसको खाली करते भर आईं आंखें
भीखमपुर में बुधवार को नजारा बदला था। घर खाली करते लोगों के लिए ये बेहद भावुक क्षण था। जिस घर में बच्चे जन्मे, बड़े हुए, शादी-ब्याह हुए, उसकी यादों को छोड़कर जाना किसी के लिए आसान नहीं था। दिल भारी था, आंखें नम थीं। कई परिवार तो ऐसे हैं, जो यहां 60-70 साल से रह रहे थे।

-टूटने वाले घरों से पूरे दिन परिवार दरवाजा-चौखट, खिड़की आदि निकालते रहे। इसी बीच सहानुभूति जताने नाते-रिश्तेदार भी पहुंचे, जो घरों की दुर्दशा को देख करके रोते-बिलखते नजर आए।

– घर छूटने से आहत कपिल मौर्या ने बताया कि हमें तो अब बच्चों की पढ़ाई की चिंता है। यहां रहने वाले परिवारों के बच्चे महानगर, इदिरानगर, गोमतीनगर, हजरतगंज क्षेत्र के स्कूलों में पढ़ते हैं। नए घर से ये इलाके काफी दूर हैं। ऐसे में उनकी पढ़ाई कैसे होगी? वहीं, कुछ लोग अफसोस जताते दिखे कि जिनको वोट दिया वे मदद के लिए नहीं आए।