मेरठ में एयरपोर्ट बनाकर कार्गो जहाज उड़ाएं तो बदल जाए इंडस्ट्री की किस्मत

Meerut Zone

मेरठ (www.arya-tv.com) नई दिल्ली, हिंडन एवं जेवर एयरपोर्ट… मेरठ के उद्यमियों का दावा है कि ये तीनों मिलकर भी मेरठ की इंडस्ट्री को वो रफ्तार नहीं दे पाएंगे, जो परतापुर से उड़ान पर मिलेगी। मेरठ में एयरपोर्ट बनाकर कार्गो जहाज उड़ाने से उत्पादों को कम समय में देश-विदेश के सुदूर क्षेत्रों तक पहुंचाया जा सकता है। मेरठ के एयरपोर्ट से मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर, बागपत से लेकर देहरादून तक की इकाईयों को फायदा मिलेगा।

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परतापुर में मिनी हाइड्रोलिक बनाने वाले निपुन जैन का कहना है कि इंडस्ट्री के लिए समय सबसे बड़ा धन है। मेरठ का कोई उद्यमी जहाज से भी मुंबई पहुंचकर उसी दिन घर वापस नहीं आ सकता। बताया कि जयपुर से मेरठ के लिए पहुंचा ग्राहक नई दिल्ली में रुक गया, जिससे पर्याप्त बिजनेस नहीं मिला। विदेशी ग्राहकों को लुभाने के लिए तकरीबन सभी बड़ी एवं निर्यातक कंपनियों को नई दिल्ली में अपना आउटलेट बनाना पड़ा।

सामानों का जमावड़ा

उद्यमी राजीव सिंघल कहते हैं कि मुंबई, नई दिल्ली, बंगलुरु, और लखनऊ से छोटे कार्गो जहाज उड़ाए जा रहे हैं, जिससे केरल एवं देश के सुदूर हिस्सों तक तत्परता से सामान पहुंचाया जा सकता है। अगर यह कार्गो मेरठ से भी उडें तो उद्यमियों की दिल्ली एयरपोर्ट पर निर्भरता नहीं होगी। नई दिल्ली के कार्गो टर्मिनल पर सामानों का भारी जमावड़ा रहता है, ऐसे में उत्पाद कई दिनों तक गंतव्य तक पहुंच ही नहीं पाता।

ऐसे समझें वक्त की कीमत

आइआइए के पूर्व मंडलीय अध्यक्ष अतुल भूषण गुप्ता ने बताया कि अगर केरल से एक ट्रक सामान सड़क मार्ग से मेरठ मंगवाएं तो सप्ताहभर तक का वक्त लगेगा, और करीब 70 हजार रुपए खर्च होंगे। अगर यही माल केरल से जहाज से नई दिल्ली आए तो उसी दिन करीब 70-80 हजार रुपये के खर्च में मेरठ पहुंच जाएगा। खेल उद्यमी आदर्श आनंद का कहना है कि यही सामान कार्गो जहाज से मेरठ पहुंच जाए तो कई घंटे बच जाएंगे।

चीन से कंटेनर मंगाने पर खर्च करीब 9 लाख

चीन से समुद्र के जरिए करीब डेढ़ माह में 40 फुट कंटेनर माल मुंबई पहुंचता है, जिस पर करीब नौ लाख का खर्च आता है। यहां से सामान तुगलकाबाद में अटक जाता है। अगर यह सामान मुंबई से कार्गो जहाज से मेरठ पहुंचे तो खर्च और समय में भारी बचत होगी।

प्रयास में लगा हूं

मेरठ में एयरपोर्ट के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों से लगातार संपर्क में हूं। एएआइ ने उड़ान की दिशा में अब तक कुछ खास नहीं किया। यूपी सरकार से एमओयू साइन किया गया तो उसमें घाटे के बारे में कोई बात नहीं थी। कमिश्नर को साथ लेकर इस दिशा में तेजी से प्रगति का प्रयास कर रहा हूं।