इरफान पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की तैयारी:56 धाराओं में दर्ज हैं मुकदमे

# ## Kanpur Zone

(www.arya-tv.com) आगजनी और फर्जी आधार कार्ड मामले में पुलिस सपा विधायक इरफान सोलंकी को जल्द सजा दिलाने के प्रयास में जुट गई है। पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने जिला सेशन न्यायाधीश और मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट को लेटर लिखकर मुकदमे की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने की अपील की है।

फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई से सपा विधायक की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। विधायक पर कुल दर्ज 14 मुकदमों में कुल 56 धाराओं में अब तक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।

IPC की 1 धारा ले डूबेगी विधायकी
जाजमऊ में प्लांट पर आगजनी के बाद से विधायक और उनके भाई की मुश्किलें बढ़ना शुरू हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में IPC की धारा 436 में मुकदमा दर्ज किया है। सीनियर वकील रोहित कुमार के मुताबिक इस धारा के तहत अधिकतम सजा आजीवन कारावास, 10 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। अगर इस धारा में ही सजा हुई तो विधानसभा की सदस्यता तक जा सकती है।

फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई, 2 साल से ज्यादा की सजा पर विधानसभा सदस्यता खत्म
फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमों की सुनवाई तेजी से होती है। ऐसे में किए गए अपराध के लिए सजा भी तेजी से मिल जाती है। पुलिस की मंशा भी साफ है कि सपा विधायक और उनके भाई रिजवान सोलंकी को जल्द से जल्द सजा मिले। सपा विधायक पर गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं, इसमें कई धाराओं में अधिकतम 7 साल तक की सजा है। 2 साल से अधिक की सजा होने पर विधानसभा सदस्यता खत्म हो जाती है।

तो खुल जाएगा उपचुनाव का रास्ता
विधायक और सांसद के ज्यादातर मुकदमों की सुनवाई MP/MLA कोर्ट में ही होती है। अभी भी सुनवाई MP/MLA कोर्ट में ही चल रही है। फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई में जल्द फैसला आते ही सजा के आधार पर सीसामऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव का रास्ता खुल सकता है। ऐसे में अगर उपचुनाव हुए तो भाजपा इस सीट को जीतने के लिए पूरा जोर लगाएगी। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी इस सीट को जीतने के लिए भाजपा ने कई दिग्गजों को चुनाव-प्रचार में उतारा था।

अब आपको बताते हैं उन मुकदमों के बारे में जो फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल सकते हैं…

थाना ग्वालटोली: धोखाधड़ी, साजिश करना, कूटरचित दस्तावेज तैयार कर इस्तेमाल करना
धाराएं- 120 बी,212,419,420, 467,471

इसके तहत इतनी सजा दी जा सकती है IPC धारा- अधिकतम सजा 419- 3 वर्ष तक कारावास 420- 7 वर्ष तक कारावास 467- 10 वर्ष तक जेल 471- 2 वर्ष तक कारावास

थाना जाजमऊ: आगजनी, रंगदारी, धमकी, मारपीट, गाली गलौज, साजिश रचना
धाराएं- 436, 506,147,327,427,386,504,120- बी

इसके तहत इतनी सजा दी जा सकती है IPC धारा- अधिकतम सजा 436- आजीवन या अधिकतम 10 वर्ष 147- 2 वर्ष तक 327- 10 वर्ष तक 427- 2 वर्ष तक 386- 10 वर्ष तक 504- 2 वर्ष तक (ये दोनों मुकदमे हाल ही में इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान पर दर्ज हुए हैं।)

कैसे काम करते हैं फास्ट ट्रैक कोर्ट

  • फास्ट ट्रैक कोर्ट के लिए टाइमलाइन पहले ही तय कर दी जाती है।
  • टाइमलाइन के आधार पर फास्ट ट्रैक कोर्ट तय करता है कि मामले को हर रोज सुना जाना है या कुछ दिनों के अंतराल पर।
  • सभी पक्षों को सुनने के बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट तय टाइम लाइन में अपना फैसला सुनाता है।

मोदी लहर में भाजपा जीत नहीं सकी सीट
मोदी लहर और भाजपा के गढ़ कानपुर में 2017 के चुनाव में भी इस सीट को भेद नहीं सकी थी। इरफान सोलंकी लगातार तीसरी बार विधायक बने थे। इसके बाद वह चर्चा में आए थे कि मोदी लहर में भी लगातार तीसरी बार इरफान सोलंकी विधायक बने और फिर 2022 में चौथी बार भी चुनाव जीते, भाजपा की कड़ी मशक्कत और मेहनत का नतीजा यह रहा था कि जीत का अंतर कम हो गया था। करीब 12 हजार वोट से इरफान ने जीत हासिल की थी