रेल प्रशासन की नीति​ ऐसी 24 घंटे की जगह 63 घंटे में पहुंची मुंबई से गोरखपुर ट्रेन

Gorakhpur Zone UP

गोरखपुर।(www.arya-tv.com) रेलवे प्रशासन की नीतियों से भटक रही है ट्रेरेने 24 घंटे की जगह 63 घंटे में सफर कर रही है रेल, यात्रियों ने बाया अब बेहद ही परेशान हो गए है, मुंबई के वसई रोड से कई राज्यों में भटकते हुए करीब 63 घंटे में जब श्रमिक स्पेशल ट्रेन गोरखपुर पहुंची तो उत्तर प्रदेश के 1399 प्रवासियों के मुरझाए चेहरे खिल उठे। रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 9 पर उतरने के बाद यात्रियों ने कहा कि हम बेहद परेशान हो गए थे। आना था गोरखपुर चले गए थे उड़ीसा। खैर, अपने घर लौट आए है। यही बड़ी खुशी है। ट्रेन 21 मई शाम को 7 बजे के आसपास वसई से रवाना हुई थी।

महाराष्ट्र, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और झारखंड का भ्रमण करते हुए वाराणसी के रास्ते लगभग 63 घंटे में 24 मई को गोरखपुर पहुंची। अम्बेडकर नगर के प्रवासी मोहित कुमार का कहना था कि ट्रेन 24 घंटे महाराष्ट्र में ही घूमती रही। किसी ने यह नहीं बताया था कि ट्रेन घूमते हुए जाएगी। हम समझ रहे थे कि ट्रेन गोरखपुर जा रही है, जब ट्रेन भुसावल न जाकर दूसरे रूट पर चलने लगी तो परेशान हो गए। बोगी के अन्य प्रवासी भी घबरा गए। ट्रेन राउरकेला पहुंची तो लोग प्लेटफार्म पर उतरकर प्रदर्शन करने लगे। लोको पायलट और गार्ड ने हाथ खड़े कर दिए।

उनका कहना था कि हमे जिधर सिग्नल मिलेगा उधर ही जाएंगे। प्रवासी मुन्ना ने बताया कि पानी पीकर यहां तक पहुंचे हैं। रास्ते मे एक जगह भोजन का पैकेट मिला लेकिन सबके हाथ नहीं पहुच सका। बच्चों को बहुत तकलीफ हुई है। अब वापस नहीं जाएंगे। जितेंद्र ने बताया कि हम तो घर आने की उम्मीद छोड़ चुके थे। ट्रेन मिली तो खुशी हुई, लेकिन जब ट्रेन उड़ीसा में पहुंच गई तो घबरा गए। गोरखपुर पहुंचे हैं तो राहत मिली है।

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वसई ही नहीं महाराष्ट्र और दक्षिण भारत से आने वाली ट्रेनें कई राज्यों का भ्रमण करते हुए पहुंच रही है। 20 घंटे का रास्ता 50 घंटे में पूरा हो रहा है। प्रवासी परेशान हैं। रेलवे का कहना है कि रेल लाइनों पर क्षमता से अधिक श्रमिक ट्रेनें हो गई हैं। ऐसे में रास्ता बदलकर खाली रेल मार्गों से ट्रेनों को चलाया जा रहा है।