वाराणसी ।(www.ayra-tv.com) श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण व सुंदरीकरण परियोजना के तहत बनाए जा रहे कारिडोर क्षेत्र में मिले प्राचीन मंदिरों का इतिहास खंगाला जाएगा। उनकी प्राचीनता, विशेषता के साथ ही मंदिरों का निर्माण कराने वाली की जानकारी भी जुटाई जाएगी।
इसमें काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कला इतिहास विभाग और भारत सरकार के राष्ट्रीय संग्रहालय विभाग का भी सहयोग लिया जाएगा। इस संबंध में मंगलवार को कमिश्नरी सभागार में मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल की अध्यक्षता मेें बैठक की गई। इसमें बीएचयू के कला इतिहास विभाग के प्रोफेसर डा. प्रदोष मिश्रा ने इस कार्य की रूपरेखा प्रस्तुत की। मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने कहा कि मंदिरों का शिल्प, प्राचीनता, वास्तुकला, नामकरण के पीछे की कहानी तलाशी जाएगी। देखा जाएगा कि इन मंदिरों का निर्माण किन शासकों या राजाओं के काल में किया गया।
इस तरह की जानकारी देश- विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं, पर्यटकों व शोधार्थियों के लिए लाभदायक सिद्ध होगी। मंडलायुक्त ने काशी विश्वनाथ धाम में वर्चुअल म्यूजियम बनाने का भी सुझाव दिया। कहा इससे श्रद्धालुओं, पर्यटकों व शोधार्थियों को एक क्लिक पर सभी तरह की जानकारी, उनका इतिहास और प्राचीनता की जानकारी एक स्थान पर मिल सकेगी।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी गौरांग राठी के अनुसार काशी विश्वनाथ धाम के लिए खरीदे गए 300 भवनों के बीच करीब 60 मंदिर मिले हैं। इनमें लगभग एक दर्जन मंदिरों की वास्तु कला अद्भुत है। पत्थरों को तराश कर शानदार नक्काशी की गई है जो विशिष्ट है। लगभग 30 मंदिरों का जिक्र स्कंद पुराण के काशीखंड में मिलता है।
ऐसे में काशी विश्वनाथ धाम में इन मंदिरों का जीर्णोद्धार व संरक्षण किया जाएगा। संरक्षण में बीएचयू व संस्कृति मंत्रालय की टीम को सहयोग के लिए एक संयुक्त टीम भी बनाई जाएगी। इनके माध्यम से मंदिरों की प्राचीनता और इतिहास को खंगाला जाएगा। इसकी काबर्न डेटिंग की जांच कर सही समय की जानकारी हो पाएगी।