हाईकोर्ट ने 67 लाख रुपए की रिकवरी पर लगाई रोक

Lucknow

(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पिछले साल दिसम्बर में CAA और NRC को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन में शामिल होने के आरोप में पुलिस ने शिया धर्मगुरू मौलाना सैफ अब्बास को 67 लाख रुपए की रिकवरी का नोटिस जारी किया था। लेकिन इस मामले में कोर्ट ने मौलाना को राहत देते हुए रिकवरी पर रोक लगा दी है। इस मामले में दर्ज मुकदमे में मौलाना सैफ अब्बास को आरोपी बनाया गया है।

मौलाना अब्बास ने कहा- हमें कानून पर भरोसा था

मौलाना अब्बास की तरफ से उनके वकील एसएन माथुर ने बहस की बहस के बाद आज कोर्ट की डबल बेंच ने 67 लाख रुपए की रिकवरी करने के मामले में रोक लगाते हुए स्टे दिया है। अब्बास ने कहा कि हमारा देश कानून और संविधान से चलता है, हमें हमारे कानून के ऊपर भरोसा था। मैं फिजिकल हियरिंग का इंतजार कर रहा था लेकिन कोरोना की वजह से वह चल नहीं पा रहा था लेकिन अब शुरू हुआ है। जब हियरिंग हो रही थी तब हमारे तरफ के अधिवक्ताओं ने कई सारी चीजें कोर्ट के सामने पेश की जिसके चलते हमें रिलीफ मिली और आज कोर्ट में इस पर रोक लगा दी। मेरे खिलाफ कोई भी एविडेंस और सबूत नहीं थे।

सैफ अब्बास समेत 15 उपद्रवियों का लगाया गया था पोस्टर
राजधानी के चौक और ठाकुर गंज में बीते माह 6 नवंबर को पुलिस ने सीएए के विरोध में हिंसा व आगजनी करने के आरोपी मौलाना सैफ अब्बास और शिया धर्मगुरु कल्बे सादिक के बेटे कल्बे सिब्तेन नूरी समेत 15 उपद्रवियों के पोस्टर लगवा दिए गए थे। पुलिस ने जिन लोगों के पोस्टर लगवाए गए हैं, उनमें से हसन, इरशाद और आलम ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था।

वहीं ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस नवीन अरोड़ा ने कहा कि ठाकुर गंज थाने में दर्ज मामले में 27 ऐसे आरोपी थे जो हिंसा में शामिल थे। इनमें 11 लोगों को अरेस्ट किया जा चुका है और एक आरोपी ने सरेंडर कर दिया था। हालांकि, 7 आरोपियों ने कोर्ट से गिरफ्तारी का स्टे ले लिया था जिसके बाद बचे हुए 8 आरोपियों के खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई करते हुए धारा 82 की कार्रवाई की गई है जिसमें उनके घर के बाहर डुगडुगी बजाकर नोटिस चस्पा किया गया।

पिछले साल हुआ था हिंसक प्रदर्शन

पिछले साल 2019 में 19 दिसंबर को लखनऊ में इस मामले को लेकर उग्र और बेहद हिंसक प्रदर्शन हुआ था। इस मामले में पुलिस ने 287 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। तोड़फोड़, आगजनी, मारपीट, लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम व सरकारी कार्य में बाधा समेत अन्य धाराओं में कुल 63 मुकदमे दर्ज किए गए थे। दंगाइयों ने पुलिस चौकी में भी आग लगा दी थी और आम लोगों पर जानलेवा हमला किया था। इसके बाद सीएम योगी ने प्रदर्शन में हुए नुकसान की भरपाई के लिए आरोपियों से ही वसूली करने के निर्देश दिए थे। पुलिस और प्रशासन ने कई आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने का फरमान जारी किया था।