जावेद का घर ढहाए जाने का मामला:हाईकोर्ट ने UP सरकार और PDA से 24 घंटे में जवाब तलब किया

# ## Prayagraj Zone

(www.arya-tv.com)  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को प्रयागराज के अटाला हिंसा के मास्टरमाइंड जावेद माेहम्मद उर्फ पंप का घटर ढहाए जाने के मामले की सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने यूपी सरकार और प्रयागराज विकास प्राधिकरण से 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा है। अब 30 जून को सुनवाई होगी।

जावेद की पत्नी परवीन ने दाखिल की है याचिका

जावेद अहमद की पत्नी परवीन फातिमा की ओर से दायर याचिका की सोमवार को सुनवाई होनी थी। सीनियर जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस विक्रम जी चौहान की बेंच में सोमवार को इस केस की सुनवाई होनी थी। कोर्ट ने इस याचिका को सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। दूसरी बेंच को केस ट्रांसफर करने को कहा था। इसके बाद चीफ जस्टिस ने इस केस को जस्टिस अंजनी मिश्रा की अगुवाई वाली डबल बेंच के सुपुर्द कर दिया था। मंगलवार को इस केस की सुनवाई करते हुए जस्टिस अंजनी मिश्रा ने राज्य सरकार और प्रयागराज विकास प्राधिकरण से घर गिराए जाने के मामले में जवाब मांगा है। 30 जून को कार्रवाई रिपोर्ट के साथ प्रदेश सरकार और पीडीए के अधिकारियों को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया है।

मकान अवैध तरीके से तोड़ने की शिकायत
आवेदन में परवीन फातिमा ने अवैध तरीके से मकान तोड़ने की शिकायत की है। दोबारा मकान बनने तक रहने के लिए सरकारी आवास मुहैया कराने की मांग की है। परवीन फातिमा ने लिखा है कि जिस मकान को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया। वह उसके नाम पर है। ये मकान उनको उनके पिता से उपहार में मिला था। नगर निगम और राजस्व दस्तावेजों में परवीन का ही नाम दर्ज है।

थाने लाई थी पुलिस, फिर नोटिस भी नहीं मिली
परवीन ने बताया कि अटाला हिंसा के बाद उसे और उसकी बेटी सुमैया फातिमा को पुलिस महिला थाने उठा ले गई। पुलिस गई और नोटिस चस्पा कर चली आई। उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को इसकी जानकारी भी नहीं हुई। 12 जून को मकान ध्वस्त कर दिया गया। इन सब घटनाओं की सही तरीके से उन्हें और उनके परिवार को जानकारी तक नहीं हो सकी। नोटिस भी उसके पति के नाम दिया गया और याची को अपील दाखिल करने या पक्ष रखने का कोई मौका दिए बगैर मकान ध्वस्त कर दिया गया। यह तस्वीर 10 जून को प्रयागराज के अटाला में हुई हिंसा की है। फोटो में दिखाई दे रहा कि कम उम्र के लड़के उपद्रव में शामिल थे।

पति को अवैध तरीके से हिरासत में लेने का आरोप
परवीन ने कहा है कि 10 जून की पत्थरबाजी और तोड़फोड़ की घटना के बाद उसी रात पुलिस ने उसके शौहर जावेद मोहम्मद पंप को अवैध हिरासत में लिया था। यही नहीं, देर रात महिला थाने की पुलिस उन्हें और उसकी बेटी को भी थाने ले गई। तीन दिन तक दोनों को अवैध रूप से हिरासत में रखा गया। याचिका में कहा गया है कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने से पहले न तो याची को कोई नोटिस दिया गया और न कोई जानकारी। रविवार के दिन बड़ी संख्या में पुलिस और पीडीए के अधिकारी और कर्मचारी उसके घर पर दो बुलडोजर लेकर पहुंचे और पूरा मकान ढहा दिया। याची को अपील दाखिल करने के लिए जरूरी 30 दिन की मोहलत भी नहीं दी गई। जावेद पंप को पुलिस ने अटाला हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता माना है।

रिश्तेदारों के यहां परिवार के लोग रहने को मजबूर
परवीन ने कहा है कि पुलिस की कार्रवाई न्यायपूर्ण नहीं है। अर्बन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्ट के प्रावधान का पालन नहीं किया गया। अब उनके पास रहने के लिए कोई घर नहीं है। वह परिवार के साथ रिश्तेदारों के यहां रहने को मजबूर हैं।

याचिका में न्यायालय से समर वैकेशन के दौरान ही इस मामले में सुनवाई का अनुरोध किया गया है। हालांकि, परवीन फातिमा की ओर से दाखिल याचिका में मकान का कोई नक्शा दाखिल नहीं किया गया है। इसकी स्वीकृति तत्कालीन इलाहाबाद विकास प्राधिकरण (अब प्रयागराज विकास प्राधिकरण) की ओर से होनी चाहिए। फिलहाल कोर्ट ने मामले कि सुनवाई के लिए मंगलवार की तारीख तय की है।