इन्‍होंने 23 वर्ष बाद लिया था ब्‍लाक प्रमुख की हार का बदला, बने विधायक

Prayagraj Zone

प्रयागराज (www.arya-tv.com) पंचायत चुनाव की रणभेरी बजी तो राजनीतिक दावंपेंच भी शुरू हो गई। सियासत की शतरंज पर प्रत्याशी गोट बिछाने में जुट गए हैं। पिछले चुनावों की हार-जीत की चर्चा भी गांवों की गलियों एवं चौपालों में हो रही है। प्रयागराज के कई ब्लाकों में मुद्दों से ज्यादा प्रत्याशियों के रुतबे को लेकर बहस चल रही है। पिछले चुनाव में क्या माहौल था और कौन जीता था यह भी चर्चा का विषय है।

प्रयागराज के ऊरवा ब्लाक का मामला दिलचस्प रहा है

ब्लाक प्रमुख का चुनाव हमेशा से प्रतिष्ठापूर्ण रहा है। एक, दो प्रत्याशी ऐसे रहे हैं जो ब्लाक प्रमुख का चुनाव हार गए लेकिन बाद में विधायक बन गए थे। इनमें ऊरवा ब्लाक का मामला दिलचस्प रहा है। यहां ब्लाक प्रमुख का चुनाव हारने वाले गामा पांडेय बाद में सपा से विधायक बने। खास बात यह रही कि जिससे वे ब्लाक प्रमुख का चुनाव हारे बाद में उन्हीं के पुत्र को पराजित करके वे विधायक बने। हालांकि उन्हें इस जीत को हासिल करने में पूरे 23 वर्ष लग गए। गामा पांडेय एक ही बार विधायक रहे। 2017 में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। इस चुनाव में यहां से भाजपा के टिकट पर नीलम करवरिया चुनाव जीती थीं।

1989 में बबऊ पांडेय से ब्लाक प्रमुख का चुनाव हारे थे गामा पांडेय

मांडा के लालबहादुर शास्त्री तकनीकि इंटर कालेज में अध्यापक रहे हरिप्रसाद पांडेय बताते हैं कि मेजा क्षेत्र के उरुवा गांव निवासी गिरीश चंद उर्फ गामा पांडेय वर्ष 1989 में उरुवा ब्लाक प्रमुख का चुनाव लड़े थे लेकिन उन्हेंं सफलता नहीं मिली थी। उरुवा के रामस्वरूप उर्फ बबऊ पांडेय ने ब्लाक प्रमुख के चुनाव में गामा पांडेय को शिकस्त दी थी। बाद में वर्ष 2012 में गामा पांडेय ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर मेजा विधानसभा से एमएलए का चुनाव जीता था। उन्होंने रामस्वरूप पांडेय उर्फ बब्बऊ पांडेय के बेटे कलेक्टर पांडेय को बहुत ही कम अंतर से चुनाव हराया था। कलेक्टर पांडेय उस समय बसपा से विधायक थे।

बबऊ पांडेय की बहू भी रह चुकी हैं ब्लाक प्रमुख

हरिप्रसाद बताते हैं कि मेजा क्षेत्र के उरुवा गांव के रहने वाले कलेक्टर पांडेय की पत्नी अजय कुमारी वर्ष 2000 में बीडीसी का चुनाव जीतकर उरुवा ब्लाक की ब्लाक प्रमुख बनी थी। अजय कुमारी, बबऊ पांडेय की बहू हैं। इसी के बाद कलेक्टर पांडेय के राजनीति की शुरुआत हुई थी। कलेक्टर पांडेय को बसपा से टिकट मिला और वह वर्ष 2007 में सपा के प्रत्याशी उज्जवल रमण सिंह को पराजित कर विधायक बन गए थे।