कांग्रेस में जो परिवर्तन आया है, उसमें काम करना मुश्किल है:ललितेशपति

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(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस को पूर्वांचल में तगड़ा झटका लगा है। पूर्व मुख्यमंत्री पंडित कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र और पूर्व विधायक ललितेशपति त्रिपाठी ने गुरुवार को वाराणसी में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का एलान किया। उन्होंने कहा कि पीढ़ियों से जो लोग कांग्रेस के साथ जुड़े थे, आज उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है।

उन उपेक्षित लोगों की लड़ाई न लड़ पाने के कारण वह इस्तीफा दे रहे हैं। जो परिवर्तन अब कांग्रेस में आया है उसके साथ पार्टी में रह पाना उन्हें संभव नहीं लग पा रहा था। इसी वजह से वह कांग्रेस से अलग हो रहे हैं।

कांग्रेस ही भविष्य में देश में विकल्प बनेगी

2012 में मिर्जापुर की मड़िहान विधानसभा से विधायक चुने गए ललितेशपति त्रिपाठी की करीबी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से जगजाहिर है। ललितेशपति त्रिपाठी ने हाथ का साथ भले ही छोड़ दिया लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में देश की राजनीति में कांग्रेस ही एक ठोस विकल्प बनेगी। उन्होंने कहा कि हमने राजनीति में कांग्रेस की विचारधारा के अलावा कुछ और देखा-समझा ही नहीं है। इस देश की आत्मा में कांग्रेस है।

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का आभार व्यक्त करना चाहता हूं कि उन्होंने हमें कांग्रेस में प्रदेश और देश में बड़ी जिम्मेदारी दी। व्यक्तिगत संबंध जैसे थे वैसे ही रहेंगे। हमने जो निर्णय ले लिया है अब उसे वापस नहीं ले सकते।

फिलहाल किसी दल में नहीं जा रहा हूं

ललितेशपति त्रिपाठी के समाजवादी पार्टी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। इस सवाल पर उन्होंने कहा कि फिलहाल किसी अन्य दल में नहीं जा रहा हूं और इस संबंध में कहीं किसी से कोई बात भी नहीं हुई है। अभी अपने समर्थकों और साथियों के साथ बातचीत करूंगा। उनकी राय के आधार पर अपने राजनीतिक भविष्य के संबंध में निर्णय लूंगा। अगर साथी और समर्थक कहेंगे कि 2022 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना है तो नहीं लड़ूंगा। जिस दिन किसी और दल में शामिल होऊंगा उस दिन सबसे पहले इसकी जानकारी वाराणसी में ही सार्वजनिक करूंगा।