व्हीलचेयर पर भी रेलवे-ठेकेदार को नहीं मार पाई थी पुलिस: 3 साल पहले भागा था वीरेंद्र

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(www.arya-tv.com) बिहार पुलिस की गोलियों से तीन साल पहले व्हीलचेयर पर बचकर भाग निकला वीरेंद्र ठाकुर उर्फ गोरख लखनऊ में मारा गया। उसे पुलिस की वर्दी में आए शूटरों ने गोली मार दी। पुलिस नामजद आरोपियों से ज्यादा शूटरों की  तलाश कर रही है।

लखनऊ पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 2019 के जानलेवा हमले में अपाहिज होने के कुछ महीने बाद गोरख बेतिया गया था। यहां नगर परिषद के उप-सभापति कयूम अंसारी के यहां शादी समारोह में शामिल हुआ। गोरख के आने की भनक लगते ही बेतिया पुलिस ने उसके एनकाउंटर की प्लानिंग कर डाली। कयूम के घर के चारों तरफ सादे कपड़ों में पुलिस खड़ी रही, लेकिन गाड़ी से उतरकर व्हीलचेयर पर बैठे गोरख ने पुलिसवालों को देख लिया। वो कब वहां से ओझल हुआ, पुलिस जान ही नहीं पाई।

बिहार पुलिस तलाश में आई थी लखनऊ
गोरख को ढेर करने से चुकने के बाद बेतिया पुलिस उसका सुराग लगाते लखनऊ पहुंची। यहां कई दिनों तक डेरा डाले रखा, लेकिन लोकल पुलिस की मदद न मिलने की वजह से खाली हाथ लौटना पड़ा। बिहार पुलिस को अंदाजा लग गया था कि यूपी के सिस्टम का कोई मजबूत हाथ गोरख के सिर पर है। इसलिए उसे यूपी में मारना या पकड़ना मुश्किल है। यही वजह है कि लखनऊ में व्हीलचेयर पर बैठकर गोरख पूर्वी चंपारण के अपराध जगत को ऑपरेट कर रहा था।

लखनऊ पुलिस के लिए पहेली बन गई बिहार पुलिस की वर्दी
25 जून को लखनऊ के घर में घुसकर गोरख की हत्या करने वाले शूटर बिहार पुलिस की वर्दी में आए थे। इनकी कार भी बिहार के नंबर की थी, लेकिन लखनऊ पुलिस अभी तक न तो गाड़ी को ट्रेस कर पाई न ही वर्दी की पहेली सुलझा पाई है। अब शूटरों का सुराग लगाने बेतिया पहुंची लखनऊ पुलिस को कोई लोकल सपोर्ट न मिलने की वजह से चार दिन से दर-दर भटकना पड़ रहा है।

चार दिन में सिर्फ आरोपियों की फोटो ढूंढ़ पाई पुलिस
बिहार गई लखनऊ पुलिस को चार दिन बाद हत्या के नामजद आरोपी गोरख की पहली पत्नी प्रियंका, उसके पति बिट्टू जायसवाल और फिरदौस की फोटो मिल पाई है। 2019 में चारबाग स्टेशन पर गोरख को गोली मारने वाले फिरदौस को पहली बार पुलिस फोटो में देख पाई है।

स्थानीय लोगों ने पुलिस को बताया कि बड़े-बड़े ठेकों से लेकर प्लॉट की रजिस्ट्री तक में गोरख को ‘कट’ यानी रंगदारी के रूप में हिस्सा देना पड़ता था। इसलिए बिहार पुलिस से लेकर व्यापारियों तक के लिए वो सिरदर्द बना हुआ था। यही वजह है कि उसकी हत्या के बाद कोई जुबान नहीं खोल रहा है।

घटना की जांच कर रहे कैंट इंस्पेक्टर शिव चरण लाल का कहना है कि कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। शूटरों का रूट मैप भी मिला है। जल्द ही घटना का खुलासा किया जाएगा।