(www.arya-tv.com) राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में ग्रेनाइट की खदान पर कब्जा करने, मशीनरी की चोरी के आरोप में राज्य के राजस्व मंत्री रामलाल जाट समेत पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। राजस्थान हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद भीलवाड़ा जिले के करेड़ा पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
एफआईआर में मंत्री रामलाल जाट के अलावा पूरनमल गुर्जर, महिपाल सिंह, सूरज जाट और महावीर चौधरी शामिल हैं। सभी को नामजद आरोपी बनाया गया है। इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात) 420 (धोखाधड़ी) 384 (जबरन वसूली) 379 (चोरी) और 120 (बी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सीआईडी-सीबी से कराई जाएगी मामले की जांच
करेड़ा पुलिस स्टेशन के एसएचओ ओम प्रकाश ने बताया, ‘अदालत के आदेश के बाद करेड़ा पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। जो भी आरोप लगाए गए हैं उनकी जांच अपराध अन्वेषण शाखा (क्राइम ब्रांच) की ओर से की जाएगी।’ उन्होंने कहा कि चूंकि यह मामला एक मंत्री से जुड़ा है, इसलिए इसकी जांच सीआईडी-सीबी से कराई जाएगी। बता दें, रामलाल जाट राज्य में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। वो भीलवाड़ा जिले के मांडल विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
कोर्ट के आदेश के बाद मंत्री रामलाल जाट सहित पांच पर एफआईआर
पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता परमेश्वर जोशी ने पहले एक स्थानीय अदालत में याचिका दायर की थी, लेकिन जब पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कार्रवाई नहीं की तो उन्होंने हाई कोर्ट का रुख किया। कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए मंत्री सहित पांच लोगों पर मामला दर्ज करने का आदेश दिया था।
इस मामले में मंत्री रामलाल जाट का पक्ष जानने के लिए उनके संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
ये है खनन कब्जा करने से जुड़ा मामला
दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, शिकायतकर्ता परमेश्वर जोशी को वर्ष 2012 में जिले के रघुनाथपुरा गांव में खनन विभाग से खनन पट्टा मिला था। वह साझेदार सुंदर गोयल और चंद्रकांत शुक्ला के साथ खनन फर्म अरावली ग्रेनाइट प्राइवेट लिमिटेड में निदेशक और शेयरधारक थे। एफआईआर के अनुसार, इन दोनों को, जोशी को 10 करोड़ रुपये का भुगतान करना था।
इन्होंने इसमें से पांच करोड़ रुपये की शेयरहोल्डिंग जोशी के नाम ट्रांसफर कर दी। बाकी पांच करोड़ रुपये के लिए इन दोनों ने खनन पट्टे में अपनी हिस्सेदारी 5 करोड़ रुपये में मंत्री रामलाल जाट की ओर से उनके रिश्तेदारों के नाम करते हुए बेच दी। प्राथमिकी में बताया गया है कि मंत्री ने खनन पट्टा अपने रिश्तेदारों के नाम ट्रांसफर करवा लिया।
बाद में परमेश्वर जोशी को पांच करोड़ रुपये देने से इनकार कर दिया। प्राथमिकी में बताया गया कि ‘मंत्री ने कहा कि वह दो करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं देंगे। वह भी खनन से होने वाली कमाई से देंगे। जब मैंने (शिकायतकर्ता ने) कहा कि वह अपनी हिस्सेदारी का पैसा चुकाए बिना खनन कैसे कर सकते हैं, तो मंत्री ने धमकी दी कि वह राजस्व मंत्री हैं और अगर उसने पैसे मांगे तो वह खानों को डायनामाइट से उड़ा देंगे।’