फर्जी कागजात पर 50 से ज्यादा ट्रक बेचने वाला गैंग:बरेली पुलिस ने 3 युवकों को किया अरेस्ट

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(www.arya-tv.com) बरेली में बहेड़ी पुलिस ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर ट्रकों की खरीद-फरोक्त करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 3 युवकों को गिरफ्तार किया है। 5 आरोपी मौके से फरार हो गए।

पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर 4 ट्रक बरामद किए हैं। आरोपी ट्रकों की चोरी करते थे, उसके बाद हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड समेत कई अन्य राज्यों के आरटीओ से साठगांठ कर एनओसी लेकर ट्रकों को बेच देते थे।

3 लोगों को किया गिरफ्तार

पकड़े गए युवक रामपुर निवासी परवेज उर्फ गुड्डू , रामपुर के टांडा मोहल्ला दायमपुरा निवासी अकील अहमद और उत्तराखंड के रामनगर निवासी दानिश के रूप में हुई है। इंस्पेक्टर बहेड़ी श्ववण कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस को फर्जी दस्तावेज तैयार कर ट्रकों की खरीद-फरोक्त करने वाले गिरोह की सूचना मिली। उत्तराखंड के सीमा स्थित फूड प्लाजा रोड किनारे पहुंची।

जहां पर चोरी के ट्रकों को लाकर उनके इंजन और चेसिस नंबर बदले जाते थे। उसके बाद दूसरे राज्यों से एनओसी लेकर नए इंजन और चेसिस नंबरों से इन ट्रकों का रजिस्ट्रेशन कराते थे। इस तरह से वैध वाहन का रूप देकर ग्राहकों को बेच देते थे।

पुलिस को देखते ही गिरोह के 5 युवक भाग गए। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि भागने वाले आरोपियों में उत्तराखंड कस्बा सितारगंज के गांव रम्पुरा निवासी सगे भाई यूसुफ और फरमान, देवरनियां निवासी फरीद, इम्तियाज और बहेड़ी कस्बे के मोहल्ला शेखूपुर निवासी छोटे शामिल हैं।

ग्राहकों को बेचने के लिए पहुंचे

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि सभी आरोपी ट्रकों के साथ फूड प्लाजा रोड किनारे पहुंचे थे। जहां पर सभी अपने-अपने ग्राहकों का इंतजार कर रहे थे। साथ ही बताया कि ये सभी आरोपी काफी लंबे समय से इस काम को कर रहे हैं। आरोपियों के कब्जे से चार ट्रक, चार इंजन नंबरों की पट्टिकाएं, सुग्गी, ग्राइंडर और हथौड़ी बरामद की हैं।

पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर यह भी पता लगाने में जुटी हुई है कि आरोपियों से चोरी की ट्रक कौन-कौन खरीदते थे। जिससे उनपर भी कार्रवाई की जा सके।

हिमाचल, पंजाब, हरियाणा समेत अन्य राज्यों में सेटिंगथाना प्रभारी श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि आरोपी पंजाब, हरियाणा, हिमाचल समेत अन्य राज्यों के आरटीओ से सेटिंग कर यह काम लंबे समय से चला रहे थे।

यह गिरोह फाइनेंस हुए ट्रकों को चिन्हित करते थे। जिसके बाद चोरी कर उसका इंजन और चेचिस नंबर बदल देते थे। उसके बाद आरटीओ से सेटिंग कर नए नंबर की एनओसी लेकर बरेली में नंबर चेंज कराते हुए नया काकज बनवा कर अच्छे दामों में बेंच देते थे। हैरानी की बात यह है कि आरोपी काम इतने सफाई से करते थे कि बैंक इन ट्रकों पर लोन भी दे देता था। जिससे बड़ी आसानी से ये लोग इसे बेचने में कामयाब हो जाते थे। अभी तक की जांच में आया है कि यह गिरोह 50 से ज्यादा ट्रकों को फर्जी तरह से बेच चुका है।