तापमान गिरते ही आलू की फसल पर मंडराया खतरा:पाले से सबसे अधिक होता है नुकसान

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(www.arya-tv.com) बरेली इस समय प्रदेश का सबसे ठंड वाला जिला है। जहां न्यूनतम तापमान 10 डिग्री पहुंच रहा है। वहीं अधिकतम तापमान भी 22 डिग्री तक ही पहुंच रहा है। दिन में धूप तो खिल रही है, लेकिन तापमान में कमी होने के चलते धूप में तेजी नहीं है।

ऐसे में अब सब्जियों और केले की फसल पर संकट है। जैसे ही आधी रात के समय कम तापमान में पाला पड़ता है तो सब्जियों और फलों का अधिक नुकसान पहुंचाता है। उद्यान विभाग फसलों को बचाने के लिए किसानों को जागरूक भी करेगा। इसके लिए जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने उद्यान विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि फसलों को बचाव के लिए देहात क्षेत्र में अलग अलग स्थानों पर जागरूक किया जाए।

व्हाट्सएप ग्रुप से किसानों को जोड़ा जाए

आलू सब्जियों में मुख्य फसल है। आलू की बुवाई पूरी हो चुकी है। जहां आलू के पौधे पर पत्तियां बन चुकी है। जो आलू सितंबर माह में बुवाई हुई है उसकी खोदाई शुरू हो चुकी है। जबकि अक्टूबर और नवंबर में जिस आलू की बुवाई हुई है वह फरवरी तक तैयार होगा। दिसंबर माह चल रहा है। उद्यान विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस समय तापमान में कमी है। रात में पाला पड़ने से सब्जियों की फसल को अधिक नुकसान पहुंचाता है।

इसके लिए देहात क्षेत्र में सभी ब्लॉकों पर अलग अलग किसानों के व्हाट्सएप ग्रुप बनाए जा रहे हैं, जिससे आलू और अन्य सब्जियों की फसलों के बचाव के लिए किसानों पर जागरूक किया जा सके। देहात में भी लोगों को जागरूक किया जायेगा।

फफूंद के रोग से अधिक नुकसान

आलू और दूसरी सब्जियों व केले में फफूंद का रोग अधिक नुकसान पहुंचाता है। इसमें झुलसा रोग के साथ पत्तियों पर धब्बे बनने शुरू हो जाते हैं। यह रोग बहुत ही खतरनाक साबित होता है जिसका समय से उपचार नहीं किया गया यह फसल को चौपट कर देता है। 10 से 20 डिग्री तापमान में इस रोग का प्रकोप अधिक होता है।

सर्दियों में तापमान कम होने और बूंदाबादी के मौसम में यह रोग चार से पांच दिन में ही आलू की फसल को खत्म कर देता है। इस रोग के साथ पाले से भी फसलों को बचाना है। उद्यान विभाग के अनुसार इस साल यूपी में 6 लाख हेक्टेयर जमीन पर आलू की बुवाई हुई है। बरेली और तराई वाले इलाकों में केले की फसल भी बोई जाती है।