आखिरकार 19 साल बाद निर्दोष होकर घर पहुंचा विष्णु, जेल में बनाया था आत्महत्या प्लान

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आगरा(www.arya-tv.com) निर्दोष होने के बावजूद आजीवन कारावास की सजा मिलने पर जेल में बंद रहे विष्णु तिवारी ने बताया कि वह कई बार आत्महत्या का मन बना चुका था, लेकिन न्याय की आस में जीवित रहा, ताकि अपने ऊपर लगे कलंक को धो सके। आखिरकार 19 वर्ष बाद हुआ भी ऐसा ही। विधिक सेवा समिति ने विष्णु को निर्दोष साबित करवाकर जेल से बाहर लाने में मदद की।

हाईकोर्ट से निर्दोष साबित होकर विष्णु बुधवार को आगरा की जेल से छूटकर अपने गांव ग्राम सिलावन स्थित घर पहुंचा तो गांव के लोगों ने उसे हाथोंहाथ लेते हुए उसका सम्मान किया। समाज के स्वजातीय बंधुओं ने विष्णु के जेल जाने पर उसके परिवार को सार्वजनिक समारोहों में बुलाना बंद कर दिया था, पर आज जब विष्णु निर्दोष होकर लौटा तो सभी ने खुले दिन से उसका स्वागत किया।

थाना महरौनी क्षेत्र के ग्राम सिलावन निवासी विष्णु तिवारी पर बीस वर्ष पहले अनुसूचित जाति की एक महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इस पर पुलिस ने विष्णु के सोलह वर्ष के होने के बाद भी उसे बालिग दिखाकर जेल भेज दिया था।

तब उसे जमानत पाने में छह माह लग गए थे। जब वह बाहर आया तो एक अन्य महिला द्वारा साजिशन उस पर एससीएसटी एक्ट के तहत दूसरा मुकदमा दर्ज करा दिया। इस पर उसे फिर से जेल जाना पड़ा। जब मुकदमों की सुनवाई जिला न्यायालय पहुंची तो वहां दोनों मामलों में एक साथ सुनवाई करते हुए दुष्कर्म के मामले में दस वर्ष और एससीएसटी एक्ट में उम्र कैद की सजा सुना दी गई और उसे जेल भेज दिया। तब से विष्णु तिवारी जेल की चहारदीवारी के बीच घुट-घुटकर जिंदगी जीता रहा।