भगवान श्रीराम से जुड़ी फाइल गायब, अजब-गजब है कानपुर की कोर्ट में ये केस

Kanpur Zone UP

(www.arya-tv.com) देश ने दो दिन पहले ही भगवान राम के जन्मोत्सव रामनवमी को धूमधाम से मनाया । राममय माहौल के बीच कानपुर कोर्ट से एक ऐसी खबर आई, जिसने फिलहाल कचहरी में खलबली मचा रखी है । दरअसल श्रीराम से जुड़े मामले में हुए परिवाद की फाइल ढूंढे़ नहीं मिल रही है, जबकि इस मामले में दो साल तक विभिन्न न्यायालयों में सुनवाई भी हुई जिसके साक्ष्य हैं । फाइल न मिलने पर अधिवक्ता ने प्रार्थना पत्र दिया तो जांच के आदेश हो गए । जांच पर संबंधित लिपिक से जवाब मांगा गया है । जांच रिपोर्ट के साथ ही फाइल को रीकंस्ट्रक्ट (पुनर्स्थापित) करने के आदेश भी दिए गए हैं।

जुलाई 2015 में हुआ था परिवाद :

रामायण से इतर कहानी मंच पर दिखाने के एक मामले में 20 जुलाई 2015 को वरिष्ठ अधिवक्ता शिवेंद्र पांडेय ने कोर्ट में मामला दाखिल किया था। प्रबंधक उत्तर प्रदेश महोत्सव भारत भवन भोपाल मध्य प्रदेश, वैले नृत्य नाटिका के प्रबंधक व मंचन करने वालों को इसमें पक्षकार बनाया गया था। परिवाद के मुताबिक महोत्सव में वैले नृत्य नाटिका का मंचन किया गया, जिसमें दिखाया गया था कि राम रावण के युद्ध के दौरान लगातार पराजय के कारण राम निराश हो जाते हैं । इससे सेना का साहस टूटने लगता है । राम पिछले दिनों के साहस और पराक्रम को याद कर फिर से नई ऊर्जा पाना चाहते हैं, लेकिन ध्वस्त मनोबल सफल नहीं होने देता। राम अपने मित्रों से कहते हैं कि विजय असंभव है और शोक में डूब जाते हैं । अधिवक्ता की ओर से सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर आयोजकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अपील की थी, लेकिन तत्कालीन मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट ने 29 फरवरी 2016 को इस मामले में परिवाद दर्ज करने के आदेश दिए थे ।

अधिवक्ता ने कही ये बात :

वरिष्ठ अधिवक्ता शिवेंद्र पांडेय ने बताया कि फाइल नहीं मिल रही है, लेकिन सुनवाई हुई है । फाइल पर मेरे बयान होने थे लिहाजा न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर सुनवाई को आगे बढ़ाने और बयान दर्ज करने की अपील की है ताकि सुनवाई को उसी स्तर से पुन: शुरू किया जा सके । इस मामले में निर्णय आना शेष है ।