Fertilizer Scam: खाद विक्रेता ने अपनी किसान पत्नी को बेच दी 12 टन यूरिया

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(www.arya-tv.com)खाद के घोटाले की तफ्तीश के अजब-गजब खुलासे हो रहे हैं। एक मामला ऐसा सामने आया जिसमें फुटकर खाद विक्रेता ने अपनी किसान पत्नी को भी 12.6 टन यूरिया खाद बेच दी। उस पर कारोबारी तर्क यह है कि उनकी पत्नी बड़ी किसान हैं। इसमें कुछ भी गलत नहीं हुआ है। 

जिले के टॉप 20 खाद बायर्स की ‘हिन्दुस्तान’ ने गुरुवार को पड़ताल की तो इस सूची में शामिल गोला ब्लॉक की भरवली की उमा देवी को तलाश लिया। सात ट्रांजेक्शन में 12.6 टन यूरिया खाद खरीदने वाली उमा देवी भरवली(भरौली) की निवासी नहीं हैं। बल्कि वह भरौली गांव के सटे पश्चिम में गगहा ब्लॉक के ग्राम मुउआ की निवासी हैं। तफ्तीश में पता चला कि इनके पति प्रसिद्ध दुबे गोला ब्लॉक के मदरिया गांव में ‘एग्रो सेवा केंद्र’ के नाम से खाद की दुकान चलाते हैं। प्रसिद्ध दुबे ने ‘हिन्दुस्तान’ को बताया कि उनके पास पांच एकड़ खेती योग्य जमीन हैं। उमा देवी उनकी पत्नी हैं। उन्होंने 100 एकड़ जमीन बटाई पर लिया है। उन्ही खेतों में डालने के लिए लगभग 12 टन यूरिया खाद लिया था। उन्होंने कुछ गलत नहीं किया।

हालांकि इस मामले की जांच कर रहे अधिकारियों को मिले दस्तावेज के मुताबिक सात ट्रांजेक्शन खाद के लिए किए गए जिसमें हर बार 1.8 टन यूरिया खाद का ट्रांजेक्शन दिखाया गया। इस ट्रांजेक्शन के जरिए कुल 12.6 टन यूरिया खाद की बिक्री दिखाई गई। कुंतल में यह 126 क्विटल एवं बोरी में 45 किलोग्राम की प्रति बोरी के हिसाब से यह 280 बोरी होती है। प्रसिद्ध दुबे अपनी सफाई में मदरिया समेत आसपास के किसानों के नाम भी लेते हैं जिनकी जमीन उन्होंने बटाई पर ली है।

पीओएस मशीन में लगती से हो गई गलत इंट्री
सरदारनगर में नौ टन यूरिया खरीदने वाले डूडी चौराहा निवासी किसान इयर की तलाश में पता चला कि असल में इयर नाम का कोई किसान है ही नहीं। सरदारनगर में वन स्टॉप शॉप एग्री जक्शन के प्रोपेराइटर प्रशांत चौधरी ने स्वीकार किया कि उन्हीं से पीओएस मशीन की तकनीकी खामी से गलत नाम एवं मात्रा दर्ज हो गया। असल में यह खाद दूसरे किसानों को बेची गई। वे एक रजिस्टर में दर्ज किसानों के नाम भी सफाई में दिखाते हैं। उधर टॉप 20 यूरिया बायर्स की लिस्ट में शामिल पिपराइच के हरपुर लुहसी निवासी श्रीमती ममता एवं सत्येंद्र की पड़ताल करने पर पता चला कि हरपुर से खाद की दुकान चलाने वाले लाइसेंसी की ममता भतीजी हैं जबकि सत्येंद्र उनका भाई है। लेकिन दुकानदार, ममता और सत्येंद्र इस पूरे प्रकरण पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।

प्रति एकड़ धान की फसल में 84 किलोग्राम यूरिया 
सेवानिवृत्त कृषि अधिकारी राम आधार यादव कहते हैं कि धान की फसल में रोपाई से लेकर कटाई तक 84 किलोग्राम यूरिया की आवश्यकता होती है। कुछ लोग 100 किलोग्राम तक इस्तेमाल कर लेते हैं।

ये अधिकारी भी जांच में जुटे
टॉप 20 बायर्स की जांच कराकर भारत सरकार के पोर्टल और डीएम को रिपोर्ट सौंपने का गुरुवार को अंतिम तिथि थी। बुधवार और गुरुवार को खाद विक्रेताओं के यहां औचक छापेमारी और दूसरे कामों के बोझ तले दबे जांच अधिकारियों पर अपनी जांच रिपोर्ट जल्द सौंपने का दबाव है। गुरुवार को जिला कृषि अधिकारी, जिला कृषि रक्षा अधिकारी, भूमि संरक्षण अधिकारी, सहायक आयुक्त व सहायक निबंधक सहकारी समितियां, जिला गन्ना अधिकारी एवं जिला उद्यान अधिकारियों ने कई विक्रेताओं के यहां पहुंच कर जांच भी की।