फेसबुक, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम पर डिपेंडेंसी कम करने का वक्त आया

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(www.arya-tv.com)सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हमारी लाइफ का अहम हिस्सा बन चुके हैं। ज्यादातर यूजर्स रात के वक्त सोशल प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम पर वक्त बिताते हैं। ऐसे में जब ये प्लेटफॉर्म अचानक काम करना बंद कर दें, तो गुस्सा आना लाजमी हो जाता है। दुनियाभर के यूजर्स के साथ बीती रात कुछ ऐसा ही हुआ। करीब करीब 42 मिनट लोग इनका इस्तेमाल नहीं कर सके।

ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या हम फेसबुक, वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम जैसे सोशल प्लेटफॉर्म पर पूरी तरह डिपेंड हो गए हैं? यानी ये डाउन हुए तो हमारा सोशल नेटवर्क भी टूट जाएगा। रोचक बात ये है कि ये तीनों प्लेटफॉर्म मार्क जुकरबर्ग के हैं। इन तीनों पर भारत में मंथली एक्टिव यूजर्स की संख्या 100 करोड़ से भी ज्यादा है।

ये पहला मौका नहीं है जब ये तीनों प्लेटफॉर्म ने डाउन हुए हों। पिछले महीने 19 फरवरी को भी ऐसा हो चुका है। उससे पहले भी कई बार ऐसे मामले हो चुके हैं। जब ये प्लेटफॉर्म डाउन होते हैं तब यूजर्स ट्विटर पर इन्हें लेकर कमेंट करना शुरू कर देते हैं। हालांकि, जब कभी ट्विटर डाउन होता है तब यूजर्स फेसबुक पर कमेंट करना शुरू कर देते हैं। कुल मिलाकर लोगों की सोशल प्लेटफॉर्म से जुड़ी डिपेंडेंसी इन्हीं 3-4 प्लेटफॉर्म पर टिकी है।

फेसबुक, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम हमारे लिए कितने जरूरी?
इन तीनों प्लेटफॉर्म पर यूजर्स फोटो, वीडियो शेयर कर रहे हैं। दूसरे यूजर्स उन्हें लाइक या कमेंट कर रहे हैं। कुछ लोग अपने एक्टिविटी या काम की जानकारी का इस्तेमाल भी इसके लिए कर रहे हैं। ऐसे में हमें इस बात को समझना होगा कि फेसबुक, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम को इस्तेमाल करते-करते क्या ये हमारी जरूरत बन गए हैं। क्योंकि इसका जवाब हां है तब इनकी मनमानी चलेगी। फिर बात चाहे पॉलिसी में बदलाव करने की हो या फिर आपके डेटा से छेड़छाड़ करने की। बीते दिनों वॉट्सऐप पॉलिसी को लेकर हुआ विवाद इसका बड़ा उदाहरण है।

फेसबुक, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम के कई ऑप्शन
आपके सोशल नेटवर्क के लिए दूसरे ऑप्शन भी खुले हुए हैं। इनमें एक ऑप्शन ट्विटर भी है। क्योंकि यहां पर भी आप सभी तरह की सोशल एक्टिविटी कर सकते हैं। खास बात है कि फोटो, वीडियो शेयर करने के साथ ट्विटर पर खबरों का भी अंबार लगा हुआ है। यानी एक प्लेटफॉर्म पर आपको सब कुछ मिल रहा है। ट्विटर पर भारत में मंथली एक्टिव यूजर्स की संख्या 1.75 करोड़ है।

ऑप्शन की लिस्ट में अब टेलीग्राम, सिग्नल के साथ देसी ट्विटर कहा जाने वाला ऐप कू भी शामिल हो चुका है। ये वे ऐप्स हैं जो तेजी से पॉपुलर हुए हैं। हालांकि, लिस्ट यहां खत्म नहीं होती। तो चलिए सबसे पहले आपको इन सभी के विकल्प बताते हैं…

  • फेसबुक का विकल्प वीचैट, पाथ
  • वॉट्सऐप का विकल्प सिग्नल, टेलीग्राम
  • इंस्टाग्राम का विकल्प लेगो लाइफ
  • ट्विटर का विकल्प राफ्ट्र, कू

इन ऐप्स के विकल्प की लिस्ट काफी लंबी है, लेकिन हमने उन ऐप्स के बारे में बताया है जो तेजी से पॉपुलर हुए हैं। वॉट्सऐप पॉलिसी कंट्रोवर्सी के चलते जहां सिग्नल और टेलीग्राम को फायदा हुआ। तो ट्विटर विवाद का सीधा फायदा देसी ऐप कू को मिला। देश की ऐप डेवलपर्स कंपनियों के पास ये मौका है कि वे विदेशी ऐप्स का दबदबा खत्म करें। इन दिनों सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान का फायदा भी देसी कंपनियों को मिल रहा है।

वॉट्सऐप को तेजी से छोड़ रहे यूजर्स
वॉट्सऐप के पास दुनियाभर में 200 करोड़ से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं। इमसें 40 करोड़ भारतीय यूजर्स हैं। हालांकि, जनवरी में पॉलिसी कंट्रोवर्सी को लेकर वॉट्सऐप को खासा नुकसान उठाना पड़ा। सेंसर टावर की रिपोर्ट के मुताबिक, 6 जनवरी को नई पॉलिसी का ऐलान करने के अगले 7 दिन में वॉट्सऐप के डाउनलोड में 35% की कमी आ गई।