हर बच्चा देश के लिए अनमोल है, अपेक्षाओं का दवाब न बनाएं अभिभावक – डॉ. राजेश्वर सिंह

Lucknow
  • प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले बच्चों में बढ़ रहे आत्महत्या के मामले चिंताजनक – डॉ. राजेश्वर सिंह
  • राजेश्वर सिंह ने बच्चों में आत्महत्या की बढ़ती प्रवृति को निराशजनक और खतरनाक ट्रेंड बताया

लखनऊ। राजस्थान के कोटा शहर में मेडिकल प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही गोसाईंगज की रहने वाली छात्रा सौम्या ने आत्महत्या कर ली। यह खबर पढ़कर सरोजनीनगर के विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह स्तब्ध रह गए। डॉ सिंह ने प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र–छात्राओं के बीच आत्महत्या की बढ़ती प्रवृति को निराशजनक और खतरनाक ट्रेंड बताया।

डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि समस्या चाहे छोटी हो या बड़ी, उसके ऊपर पार पाया जा सकता है। हताश होकर आत्महत्या के रास्ते को चुन लेना, कभी भी कोई निर्णय या समाधान नहीं हो सकता है। युवाओं की आत्महत्या का समाचार मन को हमेशा व्यथित कर देता हैं। उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में परीक्षार्थियों के आत्महत्या के आंकड़ों को साझा भी किया। आकंड़ों के माध्यम से उन्होंने इस विषय की गंभीरता का उल्लेख करते हुए कहा कि 2019 में 10,335 बच्चों ने आत्महत्या की, 2020 में 12,526 और 2021 में 13,089 बच्चों ने देश भर में आत्महत्याएं की, यह चिंताजनक है। डॉ. सिंह ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि विषम परिस्थितियों में भी अपने मन को मजबूत रखें, परिजनों व मित्रों से परिस्थिति पर चर्चा करें व समय के बीत जाने का इंतजार करें। निश्चित ही बुरा दौर बीत जाएगा और अच्छा समय लौटकर आएगा। उस समय को देखने के लिए आपका जीवित रहना बहुत ज़रूरी है।

साथ ही उन्होंने अभिभावकों से भी कहा कि माता पिता को अपने बच्चों से अपेक्षाएं रहती हैं, पर अपेक्षाएं इतनी ना बढ़ जाएं कि बच्चा अवसादग्रस्त हो जाये। कॉम्पीटीशन के इस दौर में बच्चे बहुत दबाव में रहते हैं। इस दबाव को माता, पिता और शिक्षक बातचीत और काउंसिलिंग से दूर कर सकते हैं। राजेश्वर सिंह के मुताबिक हर बच्चा देश के लिए अनमोल है। उन्होंने बच्चों को संदेश देते हुए कहा कि ईश्वर ने हर प्राणी को किसी ख़ास उद्देश्य से बनाया है। वही हमारी मंजिल तय करता है। उस मंजिल तक पहुंचने के लिए यदि वह एक मार्ग बंद करता है तो अनेक दूसरे मार्ग खोलता है। आपको बस ईश्वर पर भरोसा कर अपने कर्तव्यपथ पर आगे बढ़ते जाना है।