एक भारत श्रेष्ठ भारत कमेटी ने मकर संक्रांति पर्व मनाया : BBAU

Lucknow

(www.arya-tv.com)बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ की एक भारत श्रेष्ठ भारत कमेटी द्वारा बीबीएयू से सम्बद्ध विवि नेहू (नेशनल ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी), शिलांग के साथ मकर संक्रांति पर्व मनाया गया। यह कार्यक्रम ऑनलाइन माध्यम से आयोजित हुआ जिसमें उत्तर प्रदेश में मनाए जाने वाले खिचड़ी पर्व जुड़ी मान्यताओं और व्यंजनों के बारे में मेघालय राज्य के साथ जानकारी साझा की गई ताकि दो अलग राज्यों के बीच संस्कृति और परंपराओं का आदान प्रदान किया जा सके।

एक भारत श्रेष्ठ भारत के नोडल ऑफिसर प्रो. नवीन कुमार अरोरा ने सभी का कार्यक्रम में स्वागत किया और बताया कि इस साल बीबीएयू में भी खिचड़ी और लोहड़ी का पर्व मनाया गया। उन्होंने इससे जुड़ा एक वीडियो भी कार्यक्रम में चलाया और दिखाया कि किस तरह से बीबीएयू परिवार द्वारा यह त्यौहार मनाया गया।

नेहू यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो0 प्रभा शंकर शुक्ल ने भागवत गीता में मकर संक्रांति पर्व की व्याख्या, शिवा और विष्णु से जुड़ी कथा एवं मत्स्य पुराण में खिचड़ी से जुड़ी कथा की चर्चा करते हुए कहा कि हमारे पुराणों में भी इस दिन की चर्चा ज्ञान और कल्याणकारक दिन के रूप में हुई है। उन्होंने मकर संक्रांति के दिन सूर्य की ऊर्जा से जुड़े वैज्ञानिक पहलुओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने इस दिन दान करने के महत्व पर भी चर्चा की।

प्रो. शिल्पी वर्मा ने बताया कि खिचड़ी पर्व एकता और बंधुत्व का पर्व है जो भारत के अलग-अलग हिस्से में अलग अलग नामों से जैसे कि असम में माघ बिहू, हिमाचल में माघी साजी, तमिल नाडु में पोंगल के नाम से यह मनाया जाता है।

नेहू विवि से प्रो0 डेसमंड ने बताया कि खिचड़ी पर्व में सूर्य की आराधना होती है और मेघालय राज्य में खासी संस्कृति में भी सूर्य का विशेष महत्व है। उन्होंने खासी में सूर्य को देव नहीं बल्कि देवी की तरह देखे जाने की परंपरा के बारे में भी बताया। नेहू यूनिवर्सिटी से डॉ सोलोनी बरे ने खासी संस्कृति में सूर्य के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि खासी परंपरा में सूर्य के प्रकाश को धरती पर जीवन के लिए सबसे ज़रूरी माना गया है। इसके बिना धरती पर जीवन संभव नहीं।

कार्यक्रम के अंत में प्रो0 नवीन कुमार अरोरा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर नेहू यूनिवर्सिटी और बीबीएयू से बड़ी संख्या में शिक्षक एवं विद्यार्थी कार्यक्रम से जुड़े रहे।