(पी.एम. स्वनिधि)योजना के क्रियान्वयन में नगर निगम लखनऊ के विशेष प्रयास

Lucknow

(www.arya-tv.com) प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पी.एम. स्वनिधि) योजना के अंतर्गत मा. प्रधानमंत्री जी द्वारा वर्चुअल माध्यम से लाभार्थियों के साथ संवाद किया गया। इस अवसर पर नगर निगम लखनऊ मुख्यालय, लालबाग में आयोजित कार्यक्रम में मा. महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया, मण्डलायुक्त श्री रंजन कुमार, जिलाधिकारी श्री अभिषेक प्रकाश, नगर आयुक्त, विधायक कैन्ट श्री सुरेश तिवारी, अपर पुलिस आयुक्त श्री नवीन अरोड़ा, सांसद श्री राजनाथ सिंह के प्रतिनिधि श्री दिवाकर त्रिपाठी व नगर निगम तथा डूडा के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

उपरोक्त के अतिरिक्त समस्त जोनल कार्यालयों में भी इस कार्यक्रम का प्रसारण किया गया। वर्चुअल संवाद में मा. प्रधानमंत्री जी द्वारा चौक स्थित आरोही मार्केट में लइया चना की दुकान लगाने वाले श्री विजय बहादुर से वार्ता की गयी। प्रधानमंत्री जी द्वारा दिये गये ऋण तथा उस धनराशि से किए गए कारोबार के संबंध में जानकारी ली गयी।

इसके अतिरिक्त अन्य लोगो को ऋण के आसानी से प्राप्त होने के संबंध में पूछा गया। पथ विक्रेता श्री विजय बहादुर द्वारा अवगत कराया गया कि अनेक पथ विक्रेताओं को आसानी से ऋण प्राप्त हुआ है। मा. प्रधानमंत्री जी द्वारा पथ विक्रेताओं को कारोबार में वृद्धि की शुभकामनाएं देते हुए परिवार की उन्नति की कामना की गयी।

श्री विजय बहादुर द्वारा कोरोना के कारण उत्पन्न संकट में सहायता प्रदान करने हेतु समस्त पथ विक्रेताओं की ओर से मा. प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। नगर निगम मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मा. महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया जी द्वारा पीएमस्वनिधि योजना के 81 लाभार्थियों को ऋण प्रदान किए जाने का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। मा. महापौर जी द्वारा अपने सम्बोधन में कहा गया कि शीघ्र ही शेष बचे हुए पथ विक्रेताओं को समायोजित करने की कार्यवाही की जायेगी। योजना का संक्षिप्त विवरण एवं नगर निगम लखनऊ द्वारा क्रियान्वयन के संबंध में निम्नवत् अवगत कराया गयाः-

पथ विक्रेता शहरी अनौपचारिक अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण अंग

यह पथ विक्रेता शहर में रहने वाले नागरिकों के घरों तक किफायती दरों पर वस्तुएं तथा सेवाएं पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है। इन पथ विक्रेताओं को अलग-अलग क्षेत्रों तथा विभिन्न संदर्भ में वेंडर, खोमचे वाले, ठेले वाले, रेहड़ी पटरी दुकानदार इत्यादि नामों से जाना जाता है। इन पथ विक्रेताओं द्वारा बेची जाने वाली वस्तुओं में सब्जियां, फल, तैयार स्ट्रीट फूड, चाय, पकोड़े, बे्रड, वस्त्र, जूते-चप्पल, शिल्प से बने सामान, किताबे/लेखन सामग्री व अन्य सामग्री सम्मिलित है। इनके द्वारा दी जाने वाली सेवाओं में नाई की दुकान, मोची, पान की दुकान, लाॅन्ड्री इत्यादि सेवाएं शामिल है।

कोविड-19 महामारी और लम्बी अवधि के लाॅकडाउन के कारण पथ विक्रेताओं की आजीविका पर अत्यंत बुरा प्रभाव पड़ा है। ये प्रायः कम पूंजी से कार्य करते है और लाॅकडाउन के कारण इनकी पूंजी सम्भवतः समाप्त हो गयी होगी। इनलिए इन पथ विक्रेताओं को अपना काम फिर से शुरु करने के लिए कार्यशील पूंजी (वर्किंग कैपिटल) हेतु ऋण की अत्यंत आवश्यकता महसूस हुई।

केन्द्र सरकार की पी.एम.स्वनिधि योजना का उद्देश्य पथ विक्रेताओं को सब्सिडी आधारित रु. 10,000 की कार्यशील पूंजी ऋण की सहायता उपलब्ध कराना, नियमित पुनः भुगतान को प्रोत्साहित करना तथा डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना है। इस योजना से पथ विक्रेताओं को इन उद्देश्य से परिचित होने तथा आर्थिक गतिविधि बढ़ाने के लिए नए अवसर प्राप्त होंगे। योजना में ऐसे पथ विक्रेताओं को शामिल किया गया है जो 24 मार्च, 2020 को एवं इससे पूर्व शहरी क्षेत्रों में वेडिंग कर रहे थे तथा जिनको सर्टिफिकेट ऑफ वेंडिंग/पहचान पत्र है अथवा जिन्हें सर्वेक्षण में चिन्हित कर लिया गया है परन्तु सर्टिफिकेट ऑफ वेंडिंग/पहचान पत्र जारी नहीं हुआ।

साथ ही छूटे हुए ऐसे पथ विक्रेता जो सर्वेक्षण में छूट गए परन्तु नगर पथ विक्रय समिति (टीवीसी) द्वारा लेटर ऑफ रिकमन्डेशन (एल.ओ.आर.) निर्गत किया गया हो। इसके अतिरिक्त आसपास के परिनगरीय/ग्रामीण क्षेत्रों के पथ विक्रेता जो नगर की सीमा के अंदर बिक्री कर रहे है और जिनको टी.वी.सी. द्वारा इस आशय का लेटर ऑफ रिकमेंन्डेशन (एल.ओ.आर.) जारी किया गया हो। कुछ चिन्हित/सर्वेक्षित या अन्य पथ विक्रेता जो शहरी क्षेत्रों में विक्रय/फेरी का कार्य कर रहे थे परन्तु लाॅकडाउन के कारण अपने मूल निवास पर चले गए है।

योजना के अंतर्गत शहरी पथ विक्रेताओं को एक वर्ष की अवधि के लिए रु. 10,000 तक का कार्यकारी पूंजी ऋण प्रदान किया जा रहा है जिसकी वापसी मासिक किश्तों में की जानी है। ऋण के लिए कोई कोलेट्रल नहीं लिया जाना है। समय पर वापसी करने वाले विक्रेता अगली कार्यकारी पूंजी ऋण के लिए पात्र होगे तथा निर्धारित तिथि से पूर्व ऋण वापसी करने पर ब्याज माफ हो जाएगा।

योजना के क्रियान्वयन में नगर निगम लखनऊ के विशेष प्रयास

भारत सरकार की इस पी.एम. स्वनिधि योजना को नगर निगम लखनऊ द्वारा पूर्ण मनोयोग एवं परिश्रम के साथ लखनऊ शहर में क्रियान्वित किया जा रहा है। नगर निगम लखनऊ में लाॅकडाउन से पूर्व रजिस्टर्ड वेंडर्स की संख्या लगभग 11 हजार थी। योजना लागू होने के पश्चात अत्यंत वृहद अभियान चलाकर दिनांक 23.10.2020 तक 41476 पथ विक्रेताओं का पोर्टल पर पंजीकरण किया गया जो उ.प्र. प्रदेश तथा पूरे देश में सर्वाधिक है। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए नगर निगम लखनऊ द्वारा 55 टीमें गठित की गयी जिनको लैपटाप व अन्य सहायक संसाधन प्रदान करते हुए कार्यालय के साथ-साथ कैम्प लगवाते हुए रजिस्ट्रेशन का कार्य कराया गया।

अधिक से अधिक संख्या में पथ विक्रेताओं को योजना का लाभ दिलाने के लिए नगर निगम द्वारा नियमित रूप से योजना के कार्यो की समीक्षा की गयी तथा विशेष रुचि लेकर योजना बनाते हुए वृहद स्तर पर प्रयास किये गये। डूडा तथा नगर निगम के अधिकारियों कर्मचारियों का समन्वय स्थापित किया गया। विशेष टीमों में नगर निगम के कर्मचारियों के साथ चैम्पियंस को भी उक्त कार्य के लिए विभिन्न क्षेत्रों में भेजा गया तथा सभी 8 जोनो के बाजारों में कैम्प लगाकर तत्काल पंजीकरण कराये गये।

गत माह में पथ विक्रेताओं के 13441  ऑनलाइन आवेदन हुए थे जिसमें 2535 स्वीकृत तथा 265 ऋण अवमुक्त हुए थे। समीक्षा उपरांत उक्त संख्या में किए गए प्रयासो से उल्लेखनीय वृद्धि करते हुए 41476 आवेदन जिनमें से 20142 को स्वीकृति प्रदान की गयी तथा कुल 15692 को ऋण अवमुक्त किया गया। इस प्रकार एक माह में नये 15427 ऋण अवमुक्त कराये गये।

योजना में रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ बैंकों से समन्वय में आ रही कमियों को दूर करने के लिए नगर निगम द्वारा बैंको से वार्ता करते हुए लम्बित ऋण आवेदनों को तीव्र गति से प्रोसेस कराया गया। बैंको से ऋण अवमुक्त कराने के लिए नगर निगम लखनऊ के अधिकारियों/कर्मचारियों को अभियान के अंतर्गत प्रत्येक बैंक शाखाओं में तैनात किया गया जहाँ वेंडर्स को बुलाकर तत्काल औपचारिकताएं पूर्ण करायी गयी। जहां पर स्ट्रीट वेंडर के प्रपत्र की किसी भी कमी दूर कराया तथा प्रपत्रों को पूर्ण कराया गया जिससे शीघ्रता से ऋण अवमुक्त हुए।

अभियान को अथक रूप से अवकाश के दिनों में भी जारी रखा गया। नगर आयुक्त द्वारा विभिन्न बैंको में स्वयं भी उपस्थित होकर कार्यो का पर्यवेक्षण किया गया जिसमें प्रमुख रूप से एस.बी.आई मुख्यालय, हजरतगंज एवं बैंक ऑफ इंडिया, अमीनाबाद इत्यादि बैंक शाखाओं में कार्यो का निरीक्षण किया गया।
बैंको में उच्च प्रबंधन से वार्ता करके योजना में तेजी लायी गयी जिसके परिणामस्वरूप 23.10.2020 की तिथि तक 15692 पथ विक्रेताओं को ऋण की धनराशि अवमुक्त करायी जा चुकी है।

योेजना में महिलाओं के सशक्तीकरण हेतु महिला पथ विक्रेताओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी एवं सशक्त किये जाने के उद्देश्य से पृथक से विशेष प्रयास करते हुए अधिक से अधिक संख्या में महिलाओं को योजना में सम्मिलित किया गया है।

उपरोक्त प्रयासो के फलस्वरूप योजना में पथ विक्रेताओ कों ऋण अवमुक्त कराने में नगर निगम लखनऊ ने पूरे देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है।