गन्ना किसानों के पुरुषार्थ से उ0प्र0 देश में सर्वाधिक एथेनॉल उत्पादन करने वाला राज्य- मुख्यमंत्री

Lucknow
  • मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों में स्थापित फार्म मशीनरी बैंकों हेतु 77 टै्रक्टर को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद किसान सरकार के एजेण्डे का हिस्सा बनें हैं तथा किसानों को ईमानदारी से शासन की योजनाओं का लाभ प्राप्त हुआ है। प्रधानमंत्री जी ने किसानों के कल्याण के लिए स्वॉयल हेल्थ कार्ड, प्रधानमंत्री किसान बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, कृषि लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य उपलब्ध कराने के साथ ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ सभी किसानों को प्रदान कराने का कार्य किया है। उत्तर प्रदेश के 02 करोड़ 60 लाख अन्नदाता किसानां के खातों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से पिछले साढ़े तीन वर्षों में 51 हजार करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि उपलब्ध करायी गयी है।

मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर प्रदेश की सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों में स्थापित फार्म मशीनरी बैंकों हेतु 77 टै्रक्टर को हरी झण्डी दिखाकर रवाना करने के बाद, इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसान की कोई जाति, मत अथवा मजहब नहीं होता है। अन्नदाता किसान समय पर बीज, खाद, पानी, तकनीक तथा समय पर अपनी उपज का उचित दाम चाहते हैं। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश के किसानों को पानी तथा बिजली की सुविधा नहीं मिलती थी। सिंचाई बुनियादी सुविधा है, इसके बावजूद अनेक सिंचाई परियोजनाएं दशकों से लम्बित थीं। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के समयबद्ध क्रियान्वयन के परिणामस्वरूप हमारी सरकार ने प्रदेश में लगभग 22 लाख हेक्टेयर भूमि पर अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करायी है।

 मुख्यमंत्री  ने कहा कि गन्ना किसानों के पुरुषार्थ से उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक एथेनॉल उत्पादन करने वाला राज्य है। इसका भविष्य बहुत उज्ज्वल है। एथेनॉल का प्रयोग डीजल और पेट्रोल में किया जा रहा है। इसके माध्यम से ग्रीन ईंधन उपलब्ध कराने का कार्य हमारे गन्ना किसान कर रहे हैं। अब हमारे देश का पैसा पेट्रो डॉलर के रूप में बाहर नहीं जाएगा। आज प्रदेश देश में चीनी तथा गन्ना उत्पादन में प्रथम स्थान पर है। आज चीनी की रिकवरी बढ़ी है। किसानों को अच्छी क्वालिटी के बीज उपलब्ध कराये जा रहे हैं। तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। आज किसान परम्परागत खेती से मैकेनाइज्ड फार्मिंग की ओर जा रहे हैं। इसके परिणाम भी सभी को देखने को मिल रहे हैं।  हमें किसानों और उद्योगों के हित के लिए प्रयास करने चाहिए।