(www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश में धतूरे की खेती से किसान बड़ा मुनाफा कमा रहे हैं।जंगल झाड़ियों में मिलने वाला ये पौधा आज किसानों की आय का साधन बना हुआ है। शिव के शिवलिंग पर भक्तों द्वारा चढ़ाए जाने वाला ये धतूरा किसानों को मालामाल कर रहा है। दरअसल धतूरे के बीज का इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधि बनाने में किया जाता है इसलिए अब किसान इसे फसल के रूप में उगा रहे हैं। धतूरा शिव सिद्धि के लिए जितना महत्वपूर्ण फल माना जाता है। अब किसानों के लिए भी इसकी खेती वरदान साबित हो रही है।
अक्सर शिव शंकर भोलेनाथ के भक्त जंगलों में ढूंढ कर धतूरे को बेलपत्र भांग के साथ में शिवलिंग पर अर्पित करते थे, लेकिन आप किसान इसकी फसल पैदा करने के बाद में इसे इंटरनेशनल मार्केट तक में बेच रहा है। जिला उद्यान अधिकारी और आयुर्वेद की जानकार इसे विशेष औषधि बताते हैं। वही किसानों के लिए यहा मालामाल करने वाला फल बन रहा है।
धतूरे की खेती कर किसान कमा रहे हैं धन
वेद और शास्त्रों में धतूरे को कनक कहा गया है। कनक का मतलब सोना होता है और धतूरा भी होता है, लेकिन अब धतूरे की खेती करते किसान सोने सा धन कमा रहे हैं। हालांकि धतूरे की खेती करने के लिए भारत सरकार से लाइसेंस लेने की आवश्यकता पड़ती है क्योंकि इसका इस्तेमाल उच्च स्तर के नशे के रूप में भी किया जाता है, लेकिन दूसरी तरफ इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाओं में भी किया जाता है। आयुर्वेदिक डॉक्टर रेखा बताती है कि यह एक बेहतरीन पेन किलर होता है। शरीर की नसों और मांसपेशियों का दर्द यह पल में सही कर देता है। यहा फेफड़ों के इलाज के लिए और श्वसन क्रिया को दुरुस्त करने के लिए रामबाण औषधि मानी जाती है।
एलर्जी खांसी जुखाम जैसी बीमारियों और उनके संक्रमण से निपटने के लिए इससे बनी दवा अति लाभकारी होती है। आयुर्वेदिक दवाओं में इसका इस्तेमाल आदिकाल से ही किया जा रहा है। वही जिला उद्यान अधिकारी सुरेश कुमार बताते हैं कि उत्तर प्रदेश और हरदोई समेत आसपास के जिलों में लाइसेंस के साथ इसकी खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रयासरत है। इसके फल और पत्ते तक बिक जाते हैं।
मैदानी इलाकों में की जा रही है धतूरे की खेती
शिव शंकर का अति प्रिय फल धतूरा अब किसानों के लिए अच्छी कमाई का साधन बन रहा है। इसके बीजों की बुवाई नवंबर महीने में की जाती है। यह पौधे लगभग 20 सेंटीमीटर की दूरी पर रुपए जाते हैं. बुवाई के समय इसे ड्रिप इरिगेशन विधि से पानी देना अत्यंत उचित माना गया है।समय से खाद पानी देने से इसकी फसल काफी अच्छी होती है। उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में किसकी खेती की जा रही है जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि अधिक जानकारी के लिए किसान भाई जिला उद्यान विभाग में आकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।