(www.arya-tv.com)भारत में कुछ ऐसे पोस्ट हैं, जिसका एक अलग ही भौकाल है. इसमें पुलिसवालों का नाम भी शामिल है. लोग पुलिस को देखते ही उनकी रिस्पेक्ट करने लगते हैं. हालांकि, कई मामलों में ये रिस्पेक्ट डर भी होता है लेकिन बात अगर भौकाल की करें तो हां, पुलिस की वर्दी का रौब तो होता ही है. लेकिन कई बार इस रौब के चक्कर में ही क्राइम हो जाता है.
उत्तर प्रदेश के देवरिया में एक महिला पिछले आठ साल से दरोगा की वर्दी पहनकर आसपास के इलाकों में अपना धौंस जमा रही थी. किसी को भी ये पता नहीं चला कि वो असली नहीं बल्कि नकली दरोगा है. दर्जी से नकली वर्दी सिलवाकर वो हर दिन घूमने निकलती थी. इस दौरान हर कोई महिला को सलामी भी ठोंकता था. लेकिन जैसे ही उसे एक असली पुलिसकर्मी ने देखा, वो तुरंत सारा मामला समझ गया.
यूं खुली पोल
देवरिया में एक असली पुलिसकर्मी की नजर सड़क पर बाइक पर बैठकर जाती एक महिला दरोगा पर पड़ी. पुलिसकर्मी ने कभी उसे थाने में नहीं देखा था. इस कारण उसे शक हुआ. जब उसने महिला को रोका तो उसके होश ही उड़ गए. पूछताछ में पता चला कि वो पिछले आठ साल से इलाके में दरोगा बनकर घूम रही है. आजतक कोई भी उसकी असलियत पकड़ नहीं पाया था.
दर्ज हुआ मुकदमा
सारा मामला खुलने के बाद खामपार पुलिस ने नकली दरोगा के खिलाफ मामला दर्ज करवा लिया है. महिला से बांड भरवाया गया, जिसके बाद उसे छोड़ दिया गया. महिला की पहचान निशनिया पैकौली की रजनी दुबे के रूप में हुई है. वो पिछले कई सालों से नकली दरोगा बनकर घूम रही थी. अब जाकर उसकी पोल खुली है.