श्रीकांतेश्वरा मंदिर में दर्शन, 31 में से 19 जिलों में 18 रैलियां, 6 रोड शो, कर्नाटक के नतीजों में नहीं दिखा पीएम का जलवा

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(www.arya-tv.com) कर्नाटक विधानसभा चुनाव-2023 के परिणाम आ चुके है. जहां एक तरफ कांग्रेस खेमे में उत्सव का माहौल है, वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के लिए यह समय आत्ममंथन का बन चुका है. दरअसल कर्नाटक विधानसभा चुनाव के एक साल बाद ही 2024 के मई महीने में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं.

ऐसे में कर्नाटक चुनाव को लिटमस टेस्ट जैसा भी देखा जा रहा था. भारतीय जनता पार्टी पिछले नौ सालों से केंद्र की सत्ता में है. इस पार्टी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में अपनी जीत दर्ज करने और सत्ता में बने रहने के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगा दिया था. चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री मोदी ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी. लेकिन नतीजे सामने आने के बाद साफ नजर आ रहा है कि पीएम मोदी की यह कोशिश कर्नाटक में रंग नहीं ला पाई.

लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद एक बार फिर ये बहस फिर से शुरू हो गई है कि क्या कांग्रेस अब भारतीय जनता पार्टी को कड़ी टक्कर देने में सक्षम है. या क्या लोकसभा चुनाव को लेकर नरेंद्र मोदी की राह मुश्किल हो गई है?

पीएम मोदी का प्रचार

बीजेपी चाहती थी कि कर्नाटक में उनकी पार्टी की जीत हो ताकि वह आने वाले चुनावों में इस जीत को प्रतीक के तौर पर इस्तेमाल कर सके.

कर्नाटक चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने नौ दिनों में दो रातें दिल्ली के बाहर गुजारी ताकि वह प्रचार के दौरान ज्यादा से ज्यादा रैलियां और रोड शो कर सकें. उनका कर्नाटक पर ज्यादा ध्यान इसलिए भी था क्योंकि इस राज्य में साल 1985 के बाद से कोई सत्ताधारी दल दोबारा सत्ता में वापसी नहीं कर सकी है और पीएम इस बार राज्य के इस प्रथा और अपनी पार्टी की किस्मत को बदलना चाहते थे.

प्रधानमंत्री मोदी समेत बीजेपी नेताओं का प्रचार 

भारतीय जनता पार्टी की तरफ से चुनाव प्रचार के दौरान सबसे सक्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिखे. उन्होंने 29 अप्रैल से 7 मई के बीच 7 दिन प्रचार किया. पीएम ने राज्य के 31 जिलों में से 19 जिलों में रैलियां और रोड शो किया. कर्नाटक चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने 18 रैलियां और 6 रोड शो किए. उन्होंने रोड शो के जरिए 28 विधानसभा सीटों को कवर किया. पीएम ने मैसूर के श्रीकांतेश्वरा मंदिर में दर्शन के बाद अपने चुनाव प्रचार का समापन किया.

वहीं, गृह मंत्री अमित शाह की बात करें तो उन्होंने भी कर्नाटक में 21 अप्रैल से 7 मई के बीच 9 दिनों तक प्रचार किया. शाह ने  राज्य में 31 में से 19 जिलों में रैलियां और रोड शो किया, जिसमें 16 रैली और 20 रोड शो शामिल हैं.

पार्टी के स्टार प्रचारकों में शामिल यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कर्नाटक में बीजेपी के लिए जी जान लगाकर प्रचार किया. उन्होंने 26 अप्रैल से 6 मई के बीच 31 में से 9 जिलों में रैलियां और रोड शो किया. सीएम योगी ने राज्य में 10 रैली और 3 रोड शो किया.

इसके अलावा बीजेपी के स्टार प्रचारक की सूची में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समेत बीजेपी के 40 बड़े नेता शामिल थे.

नतीजों में क्यों नहीं दिखा पीएम प्रचार का जलवा 

10 मई को कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों पर 72.82 प्रतिशत लोगों ने वोट डाले गए थे. 13 मई को इस विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आए जिसमें किसी भी पार्टी को सत्ता में आने के लिए 113 सीटों की जादुई आंकड़े की जरूरत होती है. कांग्रेस इस जहां बहुमत के आंकड़े को पार करते हुए 135 सीटों पर जीत हासिल की है तो वहीं बीजेपी को महज 66 सीटों से पराजय का सामना करना पड़ा. जबकि किंगमेकर कहे जाने वाले देवगौड़ा की पार्टी जेडीएस को सिर्फ 19 सीटों से काम चलाना पड़ेगा.