(www.arya-tv.com) सिंघु बॉर्डर पर 35 वर्षीय युवक की निर्मम हत्या कर बैरिकेड्स से उलटा शव टांगने के मामले को लेकर दलित संगठनों ने नाराजगी जताई है। करीब 15 दलित संगठनों ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को ज्ञापन सौंपकर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पंजाब के तरणतारन जिले के लखबीर सिंह का शव शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर पर बैरिकेड्स से उलटा लटका मिला था। रोंगटे खड़े कर देने वाला वीडियो वायरल होने के बाद सियासी दलों ने भी इसकी निंदा की थी। यह वहीं स्थान हैं जहां किसान पिछले 10 महीनों से कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन दे रहे हैं।
अखिल भारतीय खटीक समाज, अखिल भारतीय बेरवा विकास संघ, धनक कल्याण संघ और दलित कर्मचारियों और अन्य संगठनों सहित 15 दलित संगठनों ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला को ज्ञापन सौंपकर घटना की निष्पक्ष जांच करने और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
आयोग ने हरियाणा पुलिस से मांगी रिपोर्ट
वहीं, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने हरियाणा पुलिस से सिंघु बॉर्डर पर दलित व्यक्ति की हत्या के मामले में आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष सांपला ने 24 घंटे के भीतर हरियाणा पुलिस से प्रारंभिक रिपोर्ट भी मांगी है। वहीं, युवक की निर्मम हत्या को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने घटना की निंदा की है। भाजपा ने इस घटना को अराजकता करार दिया है।
घटना का आरोप निहंगों के एक समूह पर लगा है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो क्लिप में, कुछ निहंग खड़े दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में निहंगों को यह कहते हुए सुना जा रहा है कि युवक ने सिखों की पवित्र पुस्तक का अपमान किया है उसके लिए दंडित किया गया है।
किसान मोर्चा ने निहंग समूह से खुद को किया अलग
गुरु ग्रंथ साहिब के कथित अपमान के आरोप में युवक की हत्या की जिम्मेदारी निहंग सिख सरबजीत सिंह ने ली है। वहीं, किसान आंदोलन के नेताओं ने खुद को इससे अलग कर लिया है। किसान मोर्चा का कहना है कि जिस निहंग समूह ने हत्या की जिम्मेदारी ली है उसका किसान मोर्चा से कोई ताल्लुक नहीं है। किसान नेताओं का कहना है कि किसी सूरत में किसी भी व्यक्ति को कानून हाथ में लेने का कोई हक नहीं है। किसान मोर्चा किसी भी तरह की हिंसा की आलोचना करता है।