मर्सिडीज GLC 220 में सवार थे साइरस:कार की 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग, सीट बेल्ट न लगाने से गई जान

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(www.arya-tv.com)  टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री का एक दिन पहले रविवार (4 सितंबर) को मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर कार एक्सिडेंट में निधन हो गया। 54 साल के साइरस मिस्त्री 50 लाख रुपए से ज्यादा कीमत वाली मर्सिडीज GLC 220 कार में सवार थे, जिसे सेफ्टी के मामले में अच्छा माना जाता है। यह कार महाराष्ट्र में पालघर के पास रोड डिवाइडर से टकराई थी।

इस कार एक्सिडेंट में मिस्त्री के अलावा उनके दोस्त जहांगीर पंडोले (49) की मौत हो गई, जबकि कार ड्राइव कर रही महिला डॉक्टर अनायता पंडोले और उनके पति दरीयस पंडोले गंभीर रूप से घायल हैं। पुलिस के मुताबिक साइरस मिस्त्री और जहांगीर पंडोले पीछे की सीट पर बैठे थे और सीट बेल्ट नहीं लगाया था।

50 लाख रुपए है मर्सिडीज GLC 220 की कीमत
मर्सिडीज बेंज SUV GLC 220 कार को पहली बार 2016 ऑटो एक्सपो में इंडिया में पेश किया गया था और 2 जून 2016 को इसे लॉन्च किया गया था। यह कार 2 वेरिएंट्स में आती है। पहला 220D 4मैटिक, जिसकी कीमत 50.70 लाख रुपए (एक्स शोरूम प्राइस) है। वहीं दूसरा वेरिएंट 300 4मैटिक है, जो 50.90 लाख रुपए (एक्स शोरूम प्राइस) में आता है।

GLC को यूरो NCAP ने दी थी 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग
मर्सिडीज GLC कार की सेफ्टी की बात करें, तो इस कार को यूरो NCAP ने हाईएस्ट 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग दी थी। 1950cc इंजन वाली मर्सिडीज बेंज SUV GLC 220 के सेफ्टी फीचर्स में 7 एयरबैग, क्रॉसविंड असिस्ट, पार्किंग असिस्ट, अटेंशन असिस्ट, अडैप्टिव ब्रेक लाइट्स, टायर-प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम, हिल डिसेंट कंट्रोल और मर्सिडीज का प्री-सेफ ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन सिस्टम शामिल है।

GLC के फर्स्ट जनरेशन मॉडल को 3 दिसंबर 2019 को एक फेसलिफ्टेड वर्जन से रिप्लेस कर दिया गया था। इंडियन मार्केट में मर्सिडीज बेंज GLC के लेटेस्ट मॉडल को 20 जनवरी 2021 को लॉन्च किया गया था।

साइरस ने नहीं पहना था सीट बेल्ट
साइरस जिस GLC कार में सवार थे, उसका नंबर MH-47-AB-6705 है। जिसमें कुल चार लोग बैठे हुए थे। ड्राइव कर रही डॉक्टर अनायता और उनके पति दरीयस आगे की सीटों पर थे, जबकि साइरस मिस्त्री और जहांगीर पंडोले पीछे वाली सीटों पर बैठे थे। मिस्त्री और जहांगीर दोनों ने सीट बेल्ट नहीं लगाया था। वहीं, डिवाइडर से टकराने के बाद कार के अगले एयरबैग तो खुल गए, लेकिन पीछे वाले एयरबैग सही समय पर नहीं खुले थे।

कैसे होता है NCAP क्रैश टेस्ट ?
ग्लोबल कार सेफ्टी एजेंसी NCAP द्वारा लगभग सभी कंपनियों की कारों का क्रैश टेस्ट किया जाता है। अलग-अलग पैमाने पर क्रैश टेस्ट के बाद कार को सेफ्टी रेटिंग दी जाती है। इस टेस्ट के लिए कार में डमी का इस्तेमाल किया जाता है। इस डमी को इंसान की तरह तैयार किया जाता है। टेस्ट के दौरान गाड़ी को फिक्स स्पीड से किसी हार्ड ऑब्जेक्ट के साथ टकराया जाता है।

इस दौरान कार में 4 से 5 डमी का इस्तेमाल किया जाता है। बैक सीट पर बच्चे की डमी होती है। ये चाइल्ड सेफ्टी सीट पर फिक्स की जाती है। क्रैश टेस्ट के बाद कार के एयरबैग ने काम किया या नहीं? डमी कितनी डैमेज हुई? कार के सेफ्टी फीचर्स ने कितना काम किया? इन सब के आधार पर रेटिंग दी जाती है।

कार खरीदते समय सेफ्टी फीचर्स जरूर देखें
कार खरीदते वक्त क्रैश टेस्ट रेटिंग के साथ दूसरे सेफ्टी फीचर्स भी जरूर देखें। सेफ्टी फीचर्स जैसे एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक ब्रेक-फोर्स डिस्ट्रीब्यूशन, रियर कैमरा, टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम, ऑटो डोर लॉक/अनलॉक, वियरेबल लॉक/अनलॉक, डेटाइम रनिंग लाइट्स, रियर डिफॉगर और वाइपर, रिवर्स पार्किंग सेंसर्स, डे/नाइट मिरर और फॉग लैम्प शामिल हैं।