अब अपराधी नहीं छिपा पाएंगे पहचान, दोबारा अपराध करते ही NAFIS से पकड़े जाएंगे

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(www.arya-tv.com) अब अपराधी अपना शहर छोड़कर देश में कहीं भी अपराध करने के बाद अपनी पहचान नहीं छिपा पाएंगे। नेशनल क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो (NCRB) ने नेशनल ऑटोमेटिक फिंगरप्रिंट आईडेंटिफिकेशन सिस्टम यानी NAFIS सॉफ्टवेयर तैयार किया है। इसे UP सहित देश के 18 राज्यों में इंस्टॉल किया गया है। हर पकड़े जाने वाले अपराधियों के फिंगरप्रिंट के साथ उनका पूरा डाटा NAFIS में अपडेट किया जाएगा। NCRB ने इसे UP के 75 जिलों में GRP, STF ऑफिस, ATS ऑफिस, पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में इंस्टॉल करा दिया है।

आगरा के SP-GRP मोहम्मद मुश्ताक ने बताया कि कई बार ऐसे केस सामने आते हैं कि अपराधी नाम बदल कर दूसरे जिले या प्रदेश में रह रहा होता है। दूसरे राज्य में पकड़ने पर अपना पुराना आपराधिक इतिहास वह छिपा लेता था। कई बार वांटेड होते हुए पकड़े जाने के बाद भी पिछले मुकदमों से अपराधी बच जाता था। केंद्र सरकार की इस नई पहल के बाद अब ऐसा नहीं हो पाएगा।

फिंगरप्रिंट से क्रिमिनल की कुंडली खुलेगी
मोहम्मद मुश्ताक ने बताया कि NCRB की ओर से UP के 12 GRP थानों, 9 STF ऑफिस, 1 ATS ऑफिस और 11 पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में ये सिस्टम लगाए गए हैं। इस सिस्टम में पकड़े गए अपराधी और सजा पाने वाले अपराधियों के फिंगर प्रिंट स्कैन कर उनका आपराधिक डाटा सेव किया जा रहा है। अपराधी अगर पकड़े जाने पर अपनी पहचान छिपा रहा है और पुलिस उसे आइडेंटिफाई नहीं कर पा रही है तो इस सिस्टम पर उसके फिंगरप्रिंट स्कैन कर पूरी जानकारी ली जा सकती है।

पहले भेजनी होगी रिक्वेस्ट
मोहम्मद मुश्ताक ने बताया कि यह एक इलेक्ट्रॉनिक डोजर है। इसका उपयोग करने के लिए हमें फिंगरप्रिंट स्कैन कर दिल्ली NCRB या लखनऊ फिंगरप्रिंट ब्यूरो को रिक्वेस्ट भेजनी पड़ती है। वहां से थोड़ी ही देर में रिक्वेस्ट एक्सेप्ट होते ही हम अपराधी का पूरा क्राइम रिकार्ड देख सकते हैं।

जनवरी 2022 में लॉन्च किया था
NAFIS को जनवरी-2022 में लॉन्च किया गया है। इसकी निगरानी NCRB करती है। अभी तक यह होता था कि ऐसे मामलों में स्पॉट के फिंगर प्रिंट लखनऊ में फिंगरप्रिंट ब्यूरो भेजे जाते थे। वहां से मैच के लिए अन्य जगह भेजे जाते थे। यदि मिलान हुआ तो ठीक है, नहीं तो आरोपी का पता चलने में काफी समय लग जाता था। NAFIS में थंब या फिंगर का इंप्रेशन अपलोड करते ही देश में जहां भी यह सिस्टम लागू है, वहां उसे रीड कर पल भर में क्रिमिनल की डिटेल मिल जाएगी।

इन राज्यों को जोड़ा गया
अभी शुरुआती तौर पर देश के सभी बड़े राज्य इसमें शामिल किए गए हैं। 18 राज्यों में उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, कर्नाटक, कोलकाता, आंध्र प्रदेश, दिल्ली आदि शामिल हैं। जल्द ही इसमें अन्य राज्यों और केंद्र शासित राज्यों को शामिल किया जाएगा।