नगर निगम की इस जोड़ी पर कब होगा एक्शन, क्या आएंगे जांच के दायरे में

Lucknow
  • मुख्यमंत्री जी नगर निगम में भ्रष्ट अधिकारियों की जांच कराइए

  • नगर अभियंता जोन 8 अमरनाथ व एई पीके श्रीवास्तव 6 करोड़ का काम बेंचने की तैयारी में!

(भ्रष्टाचार से संबंधित अगर आपके पास कोई भी दस्तावेज है तो इस नंबर 7007096037 पर संपर्क करें। आपका नाम और पता पूरा गोपनीय रखा जाएगा)

Suyash Mishra
Suyash Mishra

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भ्रष्ट और नकारा अफसरों पर तलवार तन गई है। केंद्र की मोदी सरकार ने 50 की उम्र पार कर चुके भ्रष्ट अफसरों को जबरन सेवानिवृत्त करना शुरू किया तो योगी सरकार भी हरकत में आई। हालही में विभागों से 31 जुलाई तक भ्रष्ट अधिकारियों की लिस्ट मांगी गई है। लखनऊ नगर निगम के कई अधिकारी और कर्मचारी भी इस जद में आ सकते हैं।

 

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वह अलग बात है कि भ्रष्ट अफसरों की पहुंच बहुत ऊपर तक होती है। यही कारण है कि उन्हें पद से हटाना इतना आसान नहीं होता। नगर निगम के जोन- 8 दो किरदार ऐसे हैं जिनके कारनामों की अगर जांच हो तो भ्रष्टाचार का एक नया रिकाॅर्ड बन सकता है। सूत्रों की मानें तो कुर्सी और पावर के हिसाब से इन दो लोगों की जोड़ी ने कई कारनामों को अंजाम दिया है।

(जल्द पढ़िए, नगर निगम के 110 पार्षद जा सकते हैं जेल!)

हम बात कर रहे हैं जोन 8 के नगर अभियंता अमरनाथ और एई पी.के.श्रीवास्तव की। इनके पास जोन-5 का भी चार्ज है इन लोगों के द्वारा वृन्दावन कालोनी जो अभी नगर निगम को हैण्डओवर हुई है, उसमें 6 करोड़ के विकास कार्य की फाइलें मोटी रकम लेकर बेचने की तैयारी हो रही है। सूत्रों की मानें तो इसमें नगर अभियंता और एई की मुख्य भूमिका सामने आ रही है। यह मामला जब नगर आयुक्त के संज्ञान में आया तो उन्होंने सार्वजनिक रूप से अभियंताओं को डांट लगाई है। पर नगर आयुक्त की आंखों में धूल झोंक कर 2 करोड़ का काम बेच दिया गया है बाकी को भी सेटिंग करके बेचने की तैयारी है।

CM योगी की आंखों में धूल झोंक रहे नगर निगम के पार्षद और अधिकारी

डिपाजिट हेड के काम बेचने में माहिर

ज्ञात हो कि नगर निगम की दयनीय स्थित को देखते हुए नगर निगम के ठेकेदार की मजबूरी होती है कि डिपाजिट हेड के काम लेने की होड़ लगी रहती है इसी का फायदा यह अभियंता पूरी तहर से उठा रहे हैं जब से जोन-8 के नगर अभियंता अमरनाथ बने हैं तब से पी.के. श्रीवास्तव की चांदी हो गयी है वह लगातार उनके साथ मिलकर काम को बेचने का खेल कर रहे हैं।

कार्यक्षेत्र में कभी नहीं जाते

नगर निगम के विष्वस्त सूत्रों की मानें तो नगर अभियंता जोन-8 अमरनाथ व एई पी.के.श्रीवास्तव कभी भी कार्यक्षेत्र में नहीं जाते हैं सिर्फ कमीशन के चक्कर में दो जोन के कार्य भार लिए हुई हंै। इनसे एक जोन तो सही ढंग से संभल नहीं पा रहा फिर दो-दो जोन का कार्यभार क्या संभाल संभाल रहे होंगे।

नाला सफाई को लेकर जोन-8 फिसड्डी

नाला सफाई को लेकर जब नगर अभियंता की शिकायतें हुईं तो नगर आयुक्त ने तत्काल स्पष्टीकरण जारी किया इसके बाद आनन-फानन में एई पी.के. श्रीवास्तव ने जोन के आधे से ज्यादा नालों को सही ढंग से बिना खोले एक तरफ से तुड़वाना शुरू कर दिया जिसमें कुछ लोगों का पैसा लेकर उनको छोड़ भी दिया गया, यह जांच का विषय है।

आय से अधिक संपत्ति

सूत्रों की माने तो नगर अभियंता अमरनाथ व एई पी.के.श्रीवास्तव द्वारा हाल ही में कई संपत्तियों को खरीदा गया है जिसकी जानकारी सूचना अधिकार के तहत मांगी गयी है सूचना मिलने पर वो भी प्रकाशित किया जायेगा।

11 बजे तक भी नहीं आते आॅफिस

मुख्यमंत्री द्वारा सारे अधिकारियों को सुबह 9 बजे तक आॅफिस आकर जनता की शिकायतें दूर करने के लिए कहा गया है पर नगर अभिंयता जोन-8 अमरनाथ व एई पी.के.श्रीवास्तव कभी भी टाइम से आॅफिस नहीं आते हैं।

क्या इनपर कसेगा शिकंजा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते गुरूवार को भ्रष्ट अफसरों को खोजने के लिए एक समिति का गठन करवाया था। यह समिति भ्रष्ट अफसरों और काम न करने वाले अफसरों की तलाश करके रिपोर्ट शासन को देगी जिसके बाद ऐसे अफसरों और कर्मचारियों को समय से पूर्व सेवानिवृत्त किया जा सकेगा। अब सवाल यह उठ रहा है कि जोन 8 में कार्यरत नगर अभियंता अमरनाथ और एई पीके श्रीवास्तव की जोड़ी द्वारा किए जा रहे कारनामों की जानकारी सतर्कता विभाग व ईओडब्ल्यू के अधिकारियों तक कब तक पहुंचेगी। अगर इनकी जांच करवाई जाएगी तो निश्चित तौर पर निगम के कई और कर्मचारियों और अधिकारियों के नाम सामने आ सकते हैं, जो कि भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं।

(इस मामले में जल्द ही दस्तावेजों के साथ पढ़िएगा विस्तृत रिपोर्ट)