लॉकडाउन में मिल रहा है कोरोन का प्रसाद,5 करोड़ की बिकी शराब

Bareilly Zone UP

बरेली।(www.arya-tv.com) नौकरी कारोबार दिहाड़ी मजदूरी सब कुछ छोड़कर कोरोना को परास्त करने का संकल्प लिए लोग खुद को घर में बंद किए हैं। इस कवायद का सामना उस समय अराजकता से हुआ। जब शराब की दुकानें खुली। अयूब खान चौराहे पर लंबी लाइन। डीडीपुरम जैसे पॉश इलाके में सड़कों पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। किराना की दुकान खोलने वाले पर डंडा चलाने वाले और सब्जी ले जाने वाले आमजन को हटाकर घर भेजने वाला सरकारी तंत्र राजस्व के मोह मेंं मौन दिखा। राजस्व जरुरी है। अब उसे गति भी मिलना चाहिए मगर लाॅकडाउन का पालन भी जरूरी है। दोनों को एक रास्ते पर लेकर चलने का रास्ता फिलहाल नहीं बनाया जा सका। आने वाले कुछ दिनों में दुकानें और खुलेंगी और ग्राहकों को आने की छूट भी होगी। ऐसे में दुकानों के चक्कर लगाने वाले लोगों को लाॅकडाउन का पालन कराने का रास्ता क्या होगा इस सवाल का जवाब अफसरों के पास नहीं है।

शासन के आदेश पर सुबह शराब की दुकानें खुलने के चंद घंटों बाद ही स्टॉक समाप्त हो गया। निर्देश थे कि एक साथ 5 लोग से ज्यादा दुकान पर नहीं होनेे चाहिए, लेकिन डीडी पुरम की मॉडल शॉप पर यह निर्देश दोपहर डेढ़ सौ लोगों की भीड़ के सामने ध्वस्त दिखा। सोशल मीडिया पर भीड का वीडियो वायरल हुआ तो एडीएम सिटी महेंद्र कुमार जिला आबकारी अधिकारी देव नारायण दुबे पहुंचे और भीड़ को संभालने का निर्देश दिया। मगर संक्रमण का खतरा उस भीड़ में बना रहा और खरीदारी की जाती रही।

कारोबारी बताते हैं कि सामान्य दिनों से 4 गुना ज्यादा सेल मिली है जिले में पूरे दिन में करीब 5 करोड रुपए की शराब बिकी है। लॉक डाउन संभालने वाले पुलिस के लिए भी शराब की बिक्री सरदर्द बन गई। उस दिन भर शराब की दुकानों के बाहर व्यवस्था संभालता रहा कहीं फायरिंग की सूचनाएं चली तो कहीं विवाद की पुलिस मामलों को सुलझाने में जुटी रही। दुर्गा नगर में शराब पीने के बाद फायरिंग करने वालों की तलाश में भी टीमें दौड़ी।

जिले में 472 दुकानें बंद रही। कूलिंग जबकि हजियापुर ब्रह्मपुरा और शहबाजपुर हॉटस्पाट की 27 दुकानें बंद रही हालांकि शराब की खुली दुकानें देखकर कहीं ऐसा नहीं लग रहा था कि जिला रेड जोन में है।

खाने का पैकेट लेकर लाइन में

सिविल लाइन में खाने का पैकेट लेकर लाइन में लगे एक युवक से जब पूछा गया तो उसने कहा भाई बहुत दिन से नहीं पी है। ले जाने दो अब नहीं लेने आऊंगा, वहीं कुछ लोग छाता लगाकर शराब लेने पहुंचे तो कुछ धूप की वजह से गश खाकर गिरे लेकिन लाइन से नहीं हटे।

शराब की बिक्री में किसी तरह की अव्यवस्था नहीं होने दी जाएगी। खरीददार और दुकानदार दोनों के खिलाफ नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई होगी। – नीतीश कुमार डीएम बरेली

प्रशासन की कोई तैयारी नहीं थी, यही वजह है कि लोगों ने बेखौफ निकलकर भीड लगाई और शारीरिक दूरी का पालन भी नहीं किया गया। न ही प्रशासन व्यवस्था संभालने में कामयाब रहा। सरकार को अभी दुकानें नहीं खुली चाहिए थी। -प्रदीप कुमार सचिव जागरण कल्याण समिति

सरकार का शराब की बिक्री कराने का फैसला ठीक नहीं रहा। जिस तरह से शराब की दुकानें खुलने से लॉक डाउन का उल्लंघन हुआ उससे कोरोना के मरीज बढ़ने की संभावनाएं बढ़ गई हैं । शराब की दुकानें नहीं खुलने चाहिए थी, क्योंकि लोग की जिंदगी का सवाल है।- महंत कमल नयन दास तुलसी मठ

सरकार ने जब इतना समय निकाला तो उसे लाक डाउन में शराब बिक्री बंद ही रखना चाहिए थी, इससे तो किए कराए पर पानी फिर गया। ऐसे में कोरोना संक्रमण बढ़ सकता है। तमाम बंदिशों के बीच सरकार का यह कदम गलत साबित हो सकता है। जे सी पालीवाल समाजसेवी

सरकार ने लॉकडाउन के दौरान अर्थव्यवस्था मजबूत करने का फैसला लिया है, लेकिन उसके दुष्परिणाम भी सामने आ सकते हैं। दुकानों के बाहर जमावड़ा नहीं लगने देना चाहिए था, प्रशासन को बीच का रास्ता निकालना होगा। इस तरह से संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा होगा। राजेश्वर सिंह रिटायर्ड एडिशनल एसपी