कोरोना वायरस का फिर बढ़ा खतरा,प्रयागराज की टीम इलवेन पूरी किट के साथ तैयार

Prayagraj Zone

प्रयागराज (www.arya-tv.com) दिल थाम के बैठिए…प्रयागराज में कोरोना से मैच होने वाला है। कोविड-19 ऐसी महामारी है जो साल भर बाद भी लोगों का पीछा नहीं छोड़ रही है। महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में कोरोना फिर जोरों पर है ऐसे में प्रयागराज की टीम इलेवन फिर पूरी किट के साथ तैयार है। यह टीम स्वास्थ्य विभाग की है, जो कोरोना से सीधे मोर्चा लेने को मुस्तैद है। फिलहाल यह टीम ‘नेट प्रैक्टिस’ भी कर रही है।

मेडिकल कॉलेज में है ‘टीम इलेवन’

मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में एनेस्थीसियोलॉजी विभाग है। यहां प्रोफेसर डॉक्टर नीलम सिंह और उनके 10 सहयोगी डॉक्टरों की टीम मुस्‍तैद है। कोरोना पिछले साल जब शुरू हुआ था और पहला मरीज एल-थ्री हॉस्पिटल एसआरएन लाया गया था उस पॉजिटिव मरीज से सबसे पहले इसी टीम इलेवन का सामना हुआ था।

यह हैं टीम के सदस्य

डॉक्टर वीरेंद्र राव, डॉक्टर राजीव गौतम, डॉक्टर धर्मेंद्र यादव, डॉक्टर पीएस मालवीय, डॉक्टर शिवेंद्र ओझा, डॉक्टर वैभव सिंह, डॉक्टर शोभित सिंह, डॉक्टर गीताराम दुरैई, डॉक्टर अरविंद रंधावा और डॉक्टर अमन ओहरी। ये सभी एनेस्थीसिया स्पेशलिस्ट हैं और मरीज की सांस पर इनकी अच्छी पकड़ है।

पहले लगा था डर फिर सब कुछ सामान्य

डॉक्टर राजीव गौतम कहते हैं कि जब वार्ड में पहला मरीज लाया गया था तो उसे देखते ही कांप गए थे। लेकिन काम करना ही था, उसकी जान बचाने का इरादा मन मे था ही इसलिये इलाज शुरू किया। फिर धीरे धीरे सब कुछ सामान्य हो गया।

4000 मरीजों को ठीक कर भेजा घर

मेडिकल कालेज की इस टीम इलेवन का दावा है कि उसने अब तक करीब 4000 लोगों को ठीक करके घर भेज दिया। इसमे सैकड़ों लोग ऐसे थे जो खुद यह मान चुके थे कि उनका बचना मुश्किल है।

कई बार खुद पॉजिटिव हुए

डॉक्टर नीलम सिंह, डॉक्टर राजीव गौतम, डॉक्टर धर्मेंद्र बताते हैं कि उनके अलावा अन्य साथी भी मरीजों का इलाज करते करते उनसे इफेक्टेड हो गए थे। हालांकि हिम्मत नहीं हारी, अस्पताल और घर पर क्वारनटाइन रहकर ठीक हुए और फिर वापस ड्यूटी पर पहुंच गए। टीम इलेवन के सभी सदस्यों का जज्बा गजब का है। कहते हैं कि कोरोना यदि फैलता है तो फिर जूझेंगे, लड़ेंगे। अब उन्हें पूरा अनुभव हो चुका है।