कोरोना संक्रमित एसईसीएल कर्मी ने बिलासपुर में तोड़ा दम

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कोरबा।(www.arya-tv.com) कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के 19 दिनों तक संघर्ष करने के बाद अंतत: एसईसीएल कर्मी ने बिलासपुर किम्स अस्पताल में दम तोड़ दिया। मृतक के पुत्र ने एसआइसी कोविड अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। उसका कहना है कि अस्पताल में मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों ने ध्यान नहीं दिया। जिसकी वजह से उनके पिता बाथरूम में गिर गए और चोटें आई। उसके बाद हालत खराब होते चली गई।

साउथ इस्टर्न कोलफि ल्ड्स लिमिटेड एसईसीएल रजगामार में कन्वेयर आपरेटर के पद कार्यरत तुलाराम कुर्रे 54 साल की रिपोर्ट 25 सितंबर को पाजिटिव आई। पहले तो उसे प्रशासन ने घर पर ही चरंटाइन किया और मेडिसिन दी गई। 27 की रात को खांसी व दस्त की शिकायत पर उसे इएसआईसी कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया। तुलाराम के पुत्र चंद्रप्रकाश का कहना है कि उनकी बातचीत फोन पर 28 व 29 सितंबर तक हुई, पर 30 सितंबर को फोन नहीं आया तो अस्पताल के रिसेप्शन पर काल कर संपर्क करने की कोशिश की गई।

बड़ी मुश्किल से किसी नर्स ने फोन उठाया और बताया कि उसके पिता बाथरूम में गिर गए थे। इसलिए हल्की चोट आई है, जल्द ठीक हो जाएंगे। चंद्रप्रकाश का कहना है कि अच्छे इलाज के लिए उन्होंने निजी अस्पताल में भर्ती कराने का निर्णय लिया और कोसाबाड़ी स्थित कृष्णा अस्पताल रेफ र करा लिए। यहां सात अक्टूबर तक भर्ती रहे। इसके बाद भी हालत नहीं सुधरी, तब रायपुर के एक निजी अस्पताल एंबुलेंस में ले जा रहा था, रास्ते में आक्सीजन घट कर 35 फीसदी हो गया तो बिलासपुर के किम्स में ही भर्ती करा दिए।

14 अक्टूबर की रात 11.30 बजे अस्पताल प्रबंधन ने तुलाराम की मौत हो जाने की जानकारी परिजनों को दी। 15 अक्टूबर को शव गृहग्राम पथर्री हरदीबाजार लाया गया। जहां प्रशासन की उपस्थिति में कोविड 19 के प्रावधान के अनुसार अंतिम संस्कार किया गया। चंद्रप्रकाश ने अपने पिता की मौत की वजह कोविड-19 अस्पताल कोरबा प्रबंधन के लापरवाही को बताया है।