IGIMS के डॉक्टर पर कोरोना का डबल अटैक,दर्द-बुखार के साथ स्वाद-सुगंध गायब

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(www.arya-tv.com) राजधानी पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) में गाइनी ऑन्कोलॉजी विभाग की एक युवा महिला डॉक्टर पर कोरोना का डबल अटैक हुआ है। जनवरी से मार्च के बीच में वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद मई के पहले हफ्ते में कोरोना से संक्रमित होने वाले डॉक्टर को सितंबर में फिर कोरोना का अटैक हुआ है। इस बार तेज बुखार और बॉडी पेन के साथ स्वाद व सुगंध भी गायब हो गया है। सोमवार को उनकी काेराेना की पॉजिटिव रिपोर्ट आने से हड़कंप मच गया है। संपर्क में आने वाले डॉक्टरों के साथ मरीजों की भी जांच कराई जा रही है।

दो बार संक्रमण का चौंकाने वाला है मामला
संस्थान से मिली जानकारी के अनुसार संक्रमित डॉक्टर ने जनवरी से मार्च माह के बीच कोरोना वैक्सीन की दोनो डोज लगवाई थी। संस्थान के लगभग सभी डॉक्टर जनवरी से मार्च तक वैक्सीनेटेड हो गए थे। वैक्सीन लेने के बाद लापरवाही भी शुरु हो गई। हालांकि अभी तक IGIMS में हेल्थ वर्कर और फ्रंट लाइन वर्करों का वैक्सीनेशन हो रहा है, लेकिन जनवरी से मार्च के बीच पहले ही चरण में वैक्सीन लेने वालों को एंटीबॉडी तैयार होने का पूरा भरोसा था। इसके बाद भी हुआ डबल अटैक गंभीर मामला है।

कोरोना का नहीं था खतरा
गाइनी ऑन्कोलॉजी के संक्रमित डॉक्टर काे कोरोना का जरा भी खतरा नहीं था। जनवरी से मार्च के बीच में वैक्सीन लेने के बाद सब कुछ सामान्य था। मई के पहले हफ्ते में उन्हें कोरोना हुआ। इस दौरान 3 सप्ताह में इलाज के बाद कोरोना से मुक्ति मिली। फिर सब कुछ सामान्य हो गया था। दिनचर्या भी पहले की तरह हो गई थी, लेकिन बुधवार को फिर डॉक्टर को बुखार के साथ शरीर में दर्द की परेशानी हुई। तेज बुखार के साथ शरीर में असहनीय दर्द होने लगा। बुखार और दर्द में तो शनिवार से कुछ आराम मिल गया लेकिन अब स्वाद के साथ सुगंध भी चली गई है। डॉक्टर को बुखार-दर्द से कोरोना का डर नहीं था लेकिन जब स्वाद और सुगंध गया तो आशंका हो गई। सोमवार की सुबह जब डॉक्टर का कोविड टेस्ट कराया गया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई।

रिपोर्ट पॉजिटिव आते मचा हंड़कंप, वैरिएंट की हो रही जांच
डॉक्टर की रिपोर्ट आते ही हड़कंप मच गया। संपर्क में आने वालों की भी जांच कराई जा रही है। IGIMS के चिकित्सा अधीक्षक डॉ मनीष मंडल का कहना है कि वह घर में पति और एक बच्चे के साथ रहती हैं। घर में एक हाउसकीपर भी रहता है। इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान की तरफ से अब कोरोना के वैरिएंट की जांच कराई जा रही है। संस्थान की तरफ से ऐसे केस को बड़ा खतरा बताया गया और लोगों से अपील की जा रही है कि कोरोना को लेकर गंभीर रहें। वैक्सीन लेने के बाद भी कोरोना की गाइडलाइन का पालन नहीं करने पर संक्रमण का खतरा हो सकता है।