परमवीर चक्र से सम्मानित वीरों के बारे में जानने के लिए डीएवी कॉलेज आइए

Kanpur Zone UP

कानपुर।(www.arya-tv.com) देश की आन, बान और शान के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने वाले वीर सपूतों की ‘शौर्य गाथा’ अब डीएवी डिग्री कॉलेज सुनाएगा। वर्ष 1950 से अब तक परमवीर चक्र से सम्मानित सभी 21 सैनिकों के बारे में बताने के लिए यहां पर 23 फीट ऊंची व 21 फीट चौड़ी ‘शौर्य प्राचीर’ बनाई गई है।

इस पर उन सैनिकों के नाम, फोटो व युद्ध में दिखाए गए पराक्रम की गाथा अंकित है। स्वतंत्रता दिवस पर इसका लोकार्पण किया गया, यहां प्राचार्य डॉ. अमित कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि परमवीर चक्र देश का सर्वोच्च सैन्य अलंकरण है।

बैगनी रंग के रिबन में गुंथे व देवराज इंद्र के वज्र की चार प्रतिकृतियों से विभूषित कांस्य निर्मित यह प्रतीक चिह्न महर्षि दधीचि के परम त्याग का अमर प्रतिरूप है। प्राचीर निर्माण का मुख्य उद्देश्य है कि छात्र उनके बारे में जानकर प्रेरणा लें।

स्नातक तृतीय वर्ष के छात्र रुचिर गुप्ता व मो. सलमान ने इसकी रूपरेखा तैयार की थी। उनका प्रस्ताव प्राचार्य के पास पहुंचा तो उन्होंने न केवल सहमति जताई बल्कि उसे हकीकत के धरातल पर उतारने के लिए ड्राइंग एंड पेंङ्क्षटग विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. कुमुदबाला व अर्थशास्त्र विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर यतीश दुबे के साथ कई बार बैठक भी की।

इसमें डॉ. रेनू दीक्षित, डॉ. समीर सक्सेना, डॉ. प्रदीप, डॉ. सुनील यादव व डॉ. संतोष कुमार का भी योगदान रहा। शौर्य प्राचीर पर डीएवी प्रशासन ने डॉक्यूमेंट्री बनाने की योजना बनाई है। चित्रकला विभाग की इसमें मुख्य भूमिका होगी।

डीएवी डिग्री कॉलेज के पूर्व छात्रों में ऐसी शख्सियतें हैं जिन्होंने राजनीति, साहित्य व विज्ञान के क्षितिज को छुआ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पद्मभूषण गोपाल दास नीरज ‘हिंदी विभाग’, साहित्यकार व कवि पद्मश्री कन्हैयालाल नंदन, साहित्यकार महीप सिंह व सीएसआइआर के प्रथम महानिदेशक आत्माराम यहीं पढ़े।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी व उनके पिता दोनों इस कॉलेज में सहपाठी थे। डीएवी डिग्री कॉलेज में 1969 में मनाया गया स्वर्ण जयंती वर्ष बेहद खास रहा था। स्वर्ण जयंती समारोह में पूर्व राष्ट्रपति वीवी गिरि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। इसी वर्ष भौतिकविद् व भारतरत्न सर सीवी रमन भी यहां के भौतिक विज्ञान विभाग में आए थे। यहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व लाल लाजपत राय जैसे महापुरुष भी आए।