चित्रकूट जेल में कानून-कायदे ताक पर:एक ही बैरक में रखे गए थे तीनों अपराधी

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(www.arya-tv.com)चित्रकूट जेल में शुक्रवार सुबह खूनी गैंगवार हुआ। इस दौरान अंशु दीक्षित नाम के शूटर ने मेराज अहमद और मुकीम उर्फ काला की गोली मारकर हत्या कर दी। वहीं, अंशु पुलिस एनकाउंटर में ढेर हो गया। गैंगवार में मारे गए मुकीम काला, मेराज और पुलिस की गोली से ढेर अंशु दीक्षित प्रदेश के कुख्यात अपराधियों में शुमार थे। जेल मैनुअल के अनुसार ऐसे अपराधियों को स्पेशल हाई सिक्योरिटी बैरक में रखना होता है। यही नहीं ऐसे दो बंदियों को एक साथ बैरक में नहीं रखा जा सकता है।

लेकिन सप्ताह भर पहले सहारनपुर जेल से ट्रांसफर होकर आए मुकीम को अंशु दीक्षित के बैरक के साथ ही रखा गया। इतना ही नहीं मुकीम के ही गैंग के तालुक रखने वाले मेराज को तो अंशु के बगल वाले बिस्तर पर ही जगह दी गई।

कयास लगाया जा रहा है कि सुनियोजित तरीके से मुकीम को सहारनपुर जेल से ट्रांसफर करके चित्रकूट की उस जेल में लाया गया जहां उसका विरोधी अंशु पहले से मौजूद था। घटना की जांच करने पहुंचे इलाहाबाद रेंज के डीआईजी जेल पीएन पांडेय का कहना है कि जेल प्रशासन से किस स्तर पर चूक हुई इसकी जांच की जा रही है।

इस तरह हुई वारदात
चित्रकूट जेल में सुबह 9:30 बजे सारे केैदियों और बंदियों को नाश्ता बांटा जा चुका था। नाश्ता बांटकर जेल के आदर्श कैदी वापस जा चुके थे। उनके जाते ही स्पेशल सेल में बंद अंशु दीक्षित ने अपने साथ वाले बेड पर मौजूद मेराज को दबोच लिया। बाकी कैदी कुछ समझ पाते इसके पहले उसने मेराज को गोली मार दी। मेराज के ढेर होते ही वह बगल वाले बैरक में पहुंचा जहां मुकीम काला नाश्ता कर रहा था। उसने मुकीम से कुछ कहा और इसके बाद ताबड़तोड फायर झोक दिया। ताजुब की बात है कि जेल में किसी भी बैरक का गेट खुला नहीं छोड़ा जाता। लेकिन अंशु और मुकीम के बैरक को जोड़ने वाला दरवाजा उस वक्त खुला हुआ था जिसकी वजह से उसने बड़ी आसानी से दूसरे बैरक में जाकर मुकीम की हत्या कर दी।