मुख्यमंत्री ने ‘अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम’ का उद्घाटन किया

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  • विद्या भारती देश व दुनिया में भारत और भारतीयता की उत्तम शिक्षा का केन्द्र

(www.arya-tv.com) विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान, लखनऊ विश्वविद्यालय एवं उच्च शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय “अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम 2024” का सफल शुभारम्भ मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के  मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ, विशिष्ट अतिथियों शिक्षा राज्य मंत्री, भारत सरकार डॉ. राजकुमार रंजन सिंह एवं माननीय उच्च शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार, योगेन्द्र उपाध्याय तथा उच्च शिक्षा राज्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार, श्रीमती रजनी तिवारी, मत्स्य पालन मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, डॉ. संजय कुमार निषाद, विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. कैलाश चंद्र शर्मा एवं लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक राय की गरिमामयी उपस्थिति मे दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ|

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने कहा कि विकसित भारत का निर्माण केवल देश के नेतृत्व का ही कार्य नहीं है, यह सभी राज्यों, जनपदों, गांवों और व्यक्तियों तथा शिक्षण संस्थाओं का भी कार्य है। जो व्यक्ति जिस क्षेत्र में है, यदि वह अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन ईमानदारीपूर्वक करें, तो दुनिया की कोई ताकत प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप वर्ष 2047 में भारत को विकसित देश के रूप में स्थापित होने से नहीं रोक सकती है।मुख्यमंत्री  ने कहा कि शिक्षण संस्थान स्वयं को केवल डिग्री, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट वितरण तक ही सीमित न रखें, बल्कि अपने कार्याें में नयापन लाएं। सभी शिक्षण संस्थान नये चिन्तन, नवाचार के नये तरीकों तथा शोध व विकास की नयी परम्परा को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दें। सरकार के कार्यक्रम लोकहित के लिए होते हैं। हमारे संस्थानों को इनसे जुड़ना चाहिए और युवाओं को इसकी जानकारी देनी चाहिए।

स्वागत उद्बोधन में लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने कहा कि संस्थागत समागम मे उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नीतियों, रैंकिंग, और प्रमाणीकरण के महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा, जिससे शिक्षा प्रणाली को और मजबूत और गुणवत्ता की दिशा में बढ़ाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति 2020 के गाइडिंग पिलर्स (एक्सेस, इक्विटी, क्वालिटी, ऑफॉर्डबिलिटी और अकाउंटेंबिलिटी) आगामी दिनों में सामाजिक और आर्थिक स्तरों पर सुधार का मार्गदर्शन करेंगे| शिक्षण संस्थाए नए पाठ्यक्रमों, तकनीकी सुधारों, और शिक्षक प्रशिक्षण के माध्यम से शिक्षा के बदलाव मे महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है| उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में नए एजुकेशन 5.0 के युग का आरंभ हो गया है , जिसका मुख्य उद्देश्य तकनीकी उन्नति, रोजगार के लिए तैयारी, और समाज में सामाजिक सहयोग को बढ़ावा देना है| 

राष्ट्रीय अध्यक्ष विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान  प्रो. कैलाश चंद्र शर्मा ने  प्रकाश डाला कि विद्या भारती की उत्पत्ति  मुख्यमंत्री   की कर्मभूमि शिशु मंदिर, गोरखपुर से हुई। विद्या भारती अब अखिल भारतीय स्तर पर विकसित हो गई है, जिसमें लगभग 13,000 विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षा में 33 लाख छात्र शामिल हैं। विद्या भारती का प्राथमिक उद्देश्य सिद्धांत और पंचकोशात्मक दर्शन के संयोजन के एक अद्वितीय दृष्टिकोण के माध्यम से समग्र विकास प्राप्त करना है, जो नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के निर्माण में योगदान देता है। 

 उच्च शिक्षा मंत्री  योगेन्द्र उपाध्याय ने गणमान्य व्यक्तियों को संबोधित करते हुए शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला जो भारतीय संस्कृति को शामिल करती है और युवा पीढ़ी में स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देती है। उन्होंने शिक्षा को संस्कृति, रोजगार और प्रौद्योगिकी के साथ जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया।

केन्द्रीय राज्य शिक्षा मंत्री राजकुमार रंजन  ने अपने भाषण में कहा कि भारत में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने के लिए इस शिखर सम्मेलन की योजना बनाई गई है। राष्ट्र के विकास के लिए उच्च शिक्षा की भूमिका महत्वपूर्ण है और इसे पूरे भारत में उत्कृष्ट पहुंच सुनिश्चित करते हुए प्रत्येक छात्र तक अपनी पहुंच बढ़ानी चाहिए। शिक्षा को दूरदर्शी दृष्टिकोण अपनाना चाहिए और सभी के लिए अवसर प्रदान करना चाहिए।

उच्च शिक्षा राज्यमंत्री श्रीमती रजनी तिवारी  ने अपने उधद्बोधन में कहा कि यह कार्यक्रम एक बहुत ही अच्छी सोच के साथ किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री  के विकसित भारत के विजन को पूरा करना है| उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश सहित पूरा देश त्रेतायुग की अनुभूति कर रहा है|

विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान की ओर से राष्ट्रीय संगठन मंत्री प्रो.के.एन.रघुनन्दन,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रो.किरन हजारिका प्रो वाइस चांसलर, डाॅ. जय शंकर पांडेय क्षेत्र संयोजक विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान, डाॅ.रजनी रंजन सिंह अध्यक्ष अवध प्रांत विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान, डाॅ.मंलुज त्रिवेदी सचिव अवध प्रांत विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान, डाॅ. सशक्त सिंह कोषाध्यक्ष अवध प्रांत विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान, डाॅ.सुभाष मिश्रा उपाध्यक्ष अवध प्रांत विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान,डाॅ.शीलशेन्दु त्रिवेदी उपाध्यक्ष अवध प्रांत विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान, डाॅ.जितेन्द्र कुमार सदस्य अवध प्रांत विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान, डाॅ.आकांक्षा सिंह सदस्य अवध प्रांत विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान, डाॅ.नेहा जैन सदस्य अवध प्रांत विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान उपस्थित रहे।