आज शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड करेगा चंद्रयान-3

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(www.arya-tv.com) चंद्रयान-3 आज शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड करेगा। इसे 14 जुलाई को 3 बजकर 35 मिनट पर आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था। लैंडिंग होते ही यह 41 दिन में 3.84 लाख किमी का सफर तय कर नया इतिहास लिखेगा।

ISRO ने कहा कि सभी सिस्टम नॉर्मल हैं। बेंगलुरु ऑफिस में मिशन ऑपरेशन टीम की तैयारी पूरी है। 5:44 बजे जैसे ही लैंडर सही पोजिशन पर आएगा, टीम ऑटोमैटिक लैंडिंग सीक्वेंस (ALS) लॉन्च कर देगी।

लैंडर के चांद पर उतरते ही रैंप खुलेगा और प्रज्ञान रोवर इससे चांद की सतह पर आएगा। विक्रम लैंडर और प्रज्ञान एक-दूसरे की फोटो खींचेंगे और पृथ्वी पर सेंड करेंगे। अगर भारत इस मिशन में सफल रहा तो चांद के साउथ पोल पर उतरने वाला पहला देश होगा।

50 साइंटिस्ट की रात आंखों में कटी, कमांड सेंटर में उत्साह-बेचैनी का माहौल
इसरो के बेंगलुरु स्थित टेलीमेट्री एंड कमांड सेंटर (इस्ट्रैक) के मिशन ऑपरेशन कॉम्प्लेक्स (मॉक्स) में 50 से ज्यादा वैज्ञानिक कंप्यूटर पर चंद्रयान-3 से मिल रहे आंकड़ों की रात भर पड़ताल में जुटे रहे। वे लैंडर को इनपुट भेज रहे हैं, ताकि लैंडिंग के समय गलत फैसला लेने की हर गुंजाइश खत्म हो जाए।

सभी सांकेतिक भाषा में बात कर रहे हैं। कमांड सेंटर में उत्साह-बेचैनी का मिला-जुला माहौल है। इसरो वैज्ञानिक बेंगलुरु स्थित ​​​​इसरो टेलिमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (इस्ट्रैक) और ब्यालालू गांव स्थित इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क पर मिल रहे डेटा के अलावा यूरोपियन स्पेस एजेंसी के जर्मनी स्थित स्टेशन, ऑस्ट्रेलिया और नासा के डीप स्पेस नेटवर्क से रियल टाइम डेटा लेकर वेरिफिकेशन कर रहे हैं।

विक्रम के दो इंजन भी काम नहीं करेंगे तो भी लैंड करेगा चंद्रयान-3
इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ ने 9 अगस्त को विक्रम की लैंडिंग को लेकर कहा था- ‘अगर सब कुछ फेल हो जाता है, अगर सभी सेंसर फेल हो जाते हैं, कुछ भी काम नहीं करता है, फिर भी यह (विक्रम) लैंडिंग करेगा, बशर्ते एल्गोरिदम ठीक से काम करें। हमने यह भी सुनिश्चित किया है कि अगर इस बार विक्रम के दो इंजन काम नहीं करेंगे, तब भी यह लैंडिंग में सक्षम होगा।’

उन्होंने बताया कि चंद्रयान-3 के आखिरी 19 मिनट सांसें रोक देने वाले होंगे। लैंडिंग शुरू होते समय गति 6,048 किमी/घंटा होगी। चांद को छूते समय यह 10 किमी/घंटे से भी कम होगी। उतरने के लिए स्थान का चुनाव ISRO कमांड सेंटर से नहीं होगा। लैंडर अपने कंप्यूटर से जगह का चुनाव करेगा।

पीएम मोदी लाइव इवेंट में वर्चुअली जुड़ेंगे
लैंडिंग का लाइव इवेंट शाम 5:20 बजे से शुरू होगा। इस इवेंट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वर्चुअली जुड़ेंगे। अभी वो साउथ अफ्रीका में हैं इसलिए वर्चुअली शामिल हो रहे हैं। वहीं मिशन की सफलता के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी जगह-जगह पर हवन कराए जा रहे हैं।