नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ यूपी में चक्का जाम, सजा और जुर्माना जानकर चालकों ने कहा- गाड़ी चलाना नामुकिन

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(www.arya-tv.com) केंद्र सरकार हिट एंड रन के नए कानून के विरोध में वेस्ट यूपी के ज्यादातर जिलों में सोमवार को नए साल के पहले दिन जगह-जगह ट्रक ड्राइवरों ने चक्का जाम किया। साथ ही रोडवेज बस, ट्रकों समेत प्राइवेट बसों के ड्राइवर और कंडक्टर हड़ताल पर चले गए।

दूसरे कमर्शल ड्राइवरों का भी उनको साथ मिला। ड्राइवरों ने इसे काला कानून बताया और वापस लेने की मांग की। बता दें कि नए कानून में सड़क हादसा होने पर आरोपी ड्राइवर को दस साल की सजा और पांच लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है।

ड्राइवरों का कहना था कि कोई भी जानबूझकर हादसे नहीं करता। कानून के विरोध में रोडवेज बसों का संचालन भी बंद कराया गया। इससे यात्रियों को काफी परेशानी हुई। लोगों से आने जाने के लिए निजी वाहनों ने ज्यादा पैसा वसूल किया।

मेरठ में हड़ताल का खासा असर दिखा। रोडवेज के मेरठ परिक्षेत्र के प्रभारी रिजनल मैनेजर लोकेश राजपूत ने बताया कि ट्रक ड्राइवरों ने भैंसाली बस डिपो, मेरठ बस डिपो, सोहराब बस स्टैंड पर बसों को बाहर नहीं निकलने दिया है।

समझाने पर भी वह नहीं माने। उन्होंने बताया कि आसपास के जिलों में भी ऐसी ही स्थिति बनी रही। इस कारण परिवहन व्यवस्था पूरी तरह से लड़खड़ा गई। यहां लोगों को लिफ्ट मांगकर, डग्गामार और निजी वाहनों में सफर करना पड़ा। बताया गया कि प्राइवेट गाड़ियों ने इस दौरान लोगों से कई गुना किराया वसूला।

सजा होने पर परिवार कैसे चलेगा

सहारनपुर के देवबंद में भी गंगोह रुड़की रूट की सभी प्राइवेट बसों का संचालन बंद रहा। चालकों का कहना है कि इस कानून के चलते बसों को चलाना नामुमकिन है। हादसा होने पर ड्राइवरों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है।

उनका कहना है कि वह गरीब हैं। ज्यादा सजा होने पर वह अपना परिवार नहीं चला सकते हैं। सहारनपुर के गंगोह रुड़की रोड पर हड़ताल के चलते बसों का चक्का जाम रहा। यात्री परेशान रहे।

जबरन रोका बसों का संचालन

मुजफ्फरनगर में भी रोडवेज और निजी वाहनों के ड्राइवर हड़ताल पर रहे। पुरकाजी में बस संचालन जबरन रोक दिया गया। रोडवेज डिपो की अधिकांश बसें खड़ी रहीं। सोमवार सुबह से ही बस अड्डे पहुंचे यात्रियों को परेशानी हुई। रोडवेज अधिकारियों ने ड्राइवर को समझाया लेकिन वह नहीं माने।

दिल्ली-दून हाइवे पर खतौली में ट्रकों की लाइन लग गई। रोडवेज स्टैंड पर अनुबंधित बसें भी खड़ी कर दी गईं। ड्राइवरों ने सरकार से पुराने कानून को बनाए रखने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। चीनी मिलों में गन्ना ढुलाई में लगे ट्रक भी विरोध में शामिल रहे। जिसके चलते खरीद केंद्रों से गन्ना नहीं उठा।

डिपो से निकल चुकी बसों को रास्ते में रोका

ऑल इंडिया ट्रक ड्राइवर संगठन ने एक जनवरी को हड़ताल का आह्वान किया था, जिसका असर बिजनौर में भी दिखा। सोमवार सुबह ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर चले गए। ड्राइवरों ने रोडवेज बस स्टैंड पर जाकर बसों का भी चक्का जाम कर दिया। किसी भी बस को डिपो के बाहर नहीं निकलने दिया।

बताया गया है कि सवेरे जो बसें डिपो से निकलकर मार्ग पर चली गई थी उन्हें भी रास्ते में रोक दिया गया। मुरादाबाद मंडल में भी रोडवेज कर्मियों ने प्रदर्शन किया और बसों का संचालन ठप रखा। एटा जिले में रोडवेजकर्मियों ने हड़ताल रखी और मुख्य चौराहे को जाम कर दिया, जिससे वाहनों की कतार लग गई।